-पूनम दिनकर

प्रकृति ने नारी को सुन्दर बनाकर वास्तव में इस धरा का सिंगार करने हेतु भेजा है। सृष्टि के प्रारंभ से ही नारी सौंदर्य आकर्षण का कारण बनता रहा है। नारी मेकअप द्वारा अपनी आंखों को और भी अधिक आकर्षक बना दे तो ‘सोने पे सुहागे’ वाली कहावत अवश्य ही चरितार्थ हो जायेगी। आंखों की सुन्दरता नारी के व्यक्तित्व को और भी अधिक बढ़ा देगी।

नारियों व व्यक्तियों में चार-चांद लगाकर उनके रूप-रंग का साक्षात्कार करने वाला प्रत्यक्षत: अगर कोई अंग है, तो वह है – आंखें। आंखों की तारीफ़ में जितने कसीदे पढ़े गये हैं, शायद ही किसी दूसरी चीज़ की तारीफ़ में पढ़े गये हों। सुरमयी, कजरारी, मृगनयनी, झील-सी गहरी, नीलकमल, शरबती, जाम, मयख़ाना आदि न जाने कितने ही और अन्य नामों से कवियों और शायरों ने इन आंखों को पुकारा है। बड़े-बड़े काव्य, ग्रंथ और शायरी के दीवाने इन आंखों की तारीफ़ों से भरे पड़े हैं।

आंखे तो प्राकृतिक रूप से ही खूबसूरत होती हैं परन्तु अगर थोड़ा-सा मेकअप का जामा पहना दिया जाये तो फिर कहने ही क्या? आपके समक्ष आंखों को मेकअप द्वारा आकर्षक व खूबसूरत बनाने के विभिन्न तरीक़े पेश किये जा रहे हैं। इन तरीक़ों को अपनाने से पहले कुछ ख़ास बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक होता है।

आंखों का मेकअप करते समय इस्तेमाल की जाने वाली ‘आई-शैडो’ के रंग का चुनाव अपने चेहरे, बालों के रंग और आंखों को ध्यान में रखकर ही करें। ‘आई-शैडो’ के चुनाव में यह ध्यान रखने योग्य ख़ास बात होती है कि वह न तो आपकी आंखों के रंग से मेल खाये और न ही कपड़ों के रंग से ही। अगर आंखों का रंग नीला है तो उन पर ग्रे-कलर, कॉपर-कलर या ख़ाकी रंग के ‘आई-शैडो’ का ही इस्तेमाल करें। अगर आंखें भूरी या काली हैं तो सुनहरे या जामुनी-रंग का ‘आई-शैडो’ आप पर खूब फबेगा। कंट्रास्ट प्रकट करने वाला ‘आई शैडो’ कुछ अधिक ही प्रभावी दिखाई देता है।

जहां तक संभव हो सके, पाउडर वाले ‘आई-शैडो’ की बजाय क्रीम वाले ‘आई-शैडो’ का इस्तेमाल ही करें। यदि उसमें भी पैंसिल वाला हो तो बेहतर हेगा। क्रीम वाले ‘आई-शैडो’ में पानी व तेल की समुचित मात्रा होती है, इसलिए वह सूखी त्वचा के लिए तो फ़ायदेमंद हो सकती है क्योंकि वह त्वचा के साथ मिल जाती है परन्तु नमीदार त्वचा में क्रीम वाला ‘आई-शैडो’ न मिलने के कारण इधर-उधर रिसने लगता है और त्वचा को दाग़दार बना देता है।

तैलीय त्वचा पर क्रीम वाले ‘आई-शैडो’ की बजाय पाउडर वाले ‘आई-शैडो’ का इस्तेमाल करें। इसे इस्तेमाल करने से पहले आप किसी अच्छे व नर्म ब्रश को अपने साथ अवश्य रख लें।

अंजन लगाने के बाद आपकी बरौनियां चिपकी न रह जायें, इसके लिए कंघी या किसी साफ़ नर्म दांतों वाले ब्रश के ज़रिये अपनी बरौनियों को अलग-अलग कर लें। इससे उनकी सुन्दरता में भी निखार आ जायेगा।

बरौनियों (भौंहों) के प्राकृतिक रूप से सुन्दर न होने पर बनावटी बरौनियों के ज़रिये आंखों की सुन्दरता को निखारा जा सकता है। इसके लिए बाज़ार में अलग-अलग क़िस्म, साइज़ व रंगों वाली बनावटी बरौनियां भी मिलती हैं, परन्तु अपनी आंख के रंग के अनुरूप ही किसी बनावटी बरौनी का चयन करना चाहिए।

बरौनियों को चिपकाते समय गोंद की मात्रा पर ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए। गोंद की अधिक मात्रा आंखों में जलन पैदा कर आपको हंसी का पात्र बना सकती है। बरौनियों के इस्तेमाल से पहले उनकी लम्बाई नाप लेनी चाहिए। बरौनी की लंबाई आंख के दोनों कोनों से ज़्यादा न हो। बरौनी की पट्टी पर समान रूप से गोंद लगा लें फिर अपनी उंगलियों के सहारे अपनी पलकों को हल्का-सा फैलाकर उसके बाद उस पर चिपकाएं।

बुझी-बुझी सी दिखने वाली आंखों के लिए ऊपरी पलकों पर बिल्कुल हल्के रंग के व निचली पलकों पर गहरे रंग के आईलाइनर का इस्तेमाल करें। गहरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। आई सॉकेट लाइन की भी शेडिंग करें। इससे आंखें सजीव नज़र आयेंगी।

दोनों आंखों के बीच ज़्यादा दूरी वाली आंखों के लिए गहरे रंग की आईलाइनर के ज़रिये आंखों की आउटलाइन करें। बाहरी हिस्से पर हल्के रंग व शैडो का इस्तेमाल करें तथा दोनों आंखों के अंदरूनी कोनों पर गहरे रंग के ‘आई-शौडो’ का ही इस्तेमाल करें।

गहरी धंसी हुई आंखों के लिए भौंहों पर किसी हाइलाइटर के और आई सॉकेट की भीतरी लाइन पर किसी गहरे रंग के ‘आई-शैडो’ के इस्तेमाल से बचें। अंजन या तो बिल्कुल कम लगायें या फिर लगाये ही नहीं। पलकों के अन्दर वाले हिस्से पर बिल्कुल हल्के रंग के व ऊपरी-निचली दोनों पलकों के बाहरी हिस्से में गहरे रंग के शैडो का ही इस्तेमाल करें। ऐसा करने से आपकी आंखें उभरी-उभरी दिखाई देंगी।

उभरी हुई आंखों के लिए ऊपरी पलक के बीच से कोने तक ‘आई-शैडो’ लगायें। हल्के व फीके रंग के ‘आई-शैडो’ न लगाएं। बिल्कुल गहरे रंग के ‘आई-शैडो’ का इस्तेमाल करें। भौंहों को किसी अच्छे हाइलाइटर की सहायता से ‘हाइलाइट’ करें।

दोनों आंखों के बीच कम दूरी वाली आंखों के लिए आंखों के अंदरूनी कोनों पर हाइलाइटर लगायें तथा गहरे रंग के ‘आई-शैडो’ का इस्तेमाल करें। आंखों के बाहरी कोनों पर आई-लाइनर के ज़रिये हल्की-सी लाइन खींचे। गोलाकार आंखों के लिए आंखों के अंदरूनी कोनों पर हलके रंग के व बाहरी कोनों पर गहरे रंग के ‘आई-शैडो’ का इस्तेमाल करें। शेड को ऊपर की ओर ले जाकर मिलाएं। हाइलाइटर के इस्तेमाल से बचें। निचली पलक के अंदरूनी भाग को पेंसिल लाइनर की सहायता से लाइन करे। इससे आंखें गोलाकर न दिखाकर संकरी व फैली हुई दिखाई देंगी। इस प्रकार की आंखों को खूबसूरती प्रदान की जा सकती है।

                                                  (उर्वशी)

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