-नीतू गुप्ता

आधे सिर का दर्द बहुत असहनीय होता है। आधे सिर का दर्द सूर्य निकलने के साथ ही शुरू हो जाता है। दिन में तेज़ दर्द रहने के बाद सूर्य अस्त होते-होते दर्द कुछ कम होने लगता है। इसका मुख्य कारण क़ब्ज़, बासी खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, अधिक गर्मी व तेज़ हवा आदि हैं।

आधे सिर का दर्द सिर के बाएं या दाएं किसी भी भाग में हो सकता है। ऐसे में अधिक बेचैनी और कभी-कभी उल्टी हो जाती है। यदि आप भी परेशान रहते हैं आधे सिर के दर्द से तो।

आजमायें इन्हें भी:

  •  प्रात: काल शौचादि से निवृत्त होकर एक सेब थोड़े से नमक के साथ खायें। इसका सेवन नियमित एक सप्ताह तक करें। सिर दर्द में लाभ मिलेगा।
  • सिर में बादाम के तेल की मालिश करने से भी आराम मिलता है।
  • पीपल के पत्तों की पानी में चटनी बना कर माथे पर लगाने से भी आराम मिलता है।
  • काली मिर्च के दस दाने और मिश्री 10 ग्राम पीस कर चूर्ण तैयार कर लें। प्रात: पानी के साथ लें।
  • गाय का ताज़ा घी या शुद्ध सरसों के तेल को सिर के जिस भाग में दर्द हो, उसी भाग के नथुने में दो चार बूंद डालने से दर्द ठीक हो जाता है। इस क्रिया को सुबह शाम 7 दिन तक नियमित करना चाहिए। आधे सिर के दर्द में आराम भी मिलेगा और नाक से खून गिरना भी बंद हो जायेगा।
  • गर्मी के दिनों में तरबूज के रस में मिश्री मिलाकर नियमित सुबह पीने से भी आधे सिर के दर्द में आराम मिलता है।
  • सफ़ेद चंदन को गुलाब जल में घिसकर उस लेप को माथे पर लगाएं।
  • नियमित रूप से खाना खाने के बाद दो चम्मच शहद लेने से आधे सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
  • जिन दिनों अंगूर उपलब्ध हों, नियमपूर्वक खाने से आधे सिर का दर्द दूर होता है।
  • माथे पर देसी घी की मालिश करने से सिर दर्द में आराम मिलता है।
  • आधे सिर के दर्द में सौंठ या अदरक पानी में घिस कर उसका लेप माथे पर लगाने से भी आराम मिलता है।
  • पानी में दालचीनी पीसकर माथे पर लगाने से आराम मिलता है।
  • बादाम के तेल में केसर मिलाकर दिन में तीन बार सूंघने से लाभ होता है।
  • तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बना लें। उसका सेवन शहद के साथ करने से आराम मिलता है।

 इन से बचें:-

  • सर्दियों में ठंडे पानी में स्नान न करें।
  • अधिक समय तक गीले वस्त्रों में न रहें।
  • ठंडे पेयों का सेवन न करें।
  • अधिक चाय, कॉफी और मद्यपान न करें।
  • तेज़ धूप में बाहर न निकलें।
  • जब सिर का दर्द हो तो कुछ भी न पढ़ें, न टी.वी देखें।
  • अम्लीय भोजन का सेवन न करें। न ही तेज़ मसालों का सेवन करें। 
  • जो खाद्य पदार्थ क़ब्ज़ करते हों या गैस पैदा करते हों, ऐसे खाद्य पदार्थ न खाएं।

                                                                                    स्वास्थ्य दर्पण

 

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