-मंजुला दिनेश

आधुनिक युग प्रतिस्पर्धा का युग है। नौकरी, उच्च शिक्षा, छात्रवृत्ति, व्यवसाय आदि पाने के लिए हर उम्मीदवार को साक्षात्कार अर्थात् इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है। साक्षात्कार के लिए चयन बहुत मुश्किल से होता है। उम्मीदवारों के लिए साक्षात्कार एक स्वर्ण अवसर की भांति ही होता है। यदि प्रत्याशी का साक्षात्कार के लिए चयन नहीं होता है तो बहुत निराशा होती है। छोटी-छोटी नौकरी के लिए हज़ारों आवेदनकर्ता होते हैं और उन में से कुछेक को ही साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाता है।

साक्षात्कार ज्ञान की परीक्षा ही नहीं है अपितु साक्षात्कार प्रत्याशी  (उम्मीदवार) की बौद्धिक क्षमता, तथ्यों की जानकारी एवं विचारों को स्पष्ट करने की क्षमता व तौर तरीक़े के साथ-साथ उस पद हेतु उपयुक्त होने का प्रमाण पाने के लिए लिया जाता है। साक्षात्कार से व्यक्ति की दक्षता, उसके व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, कुशलता व बुद्धि कौशल का पता लगता है। वाक्चातुर्य, व्यवहार, विषय की पकड़, जवाब देने का तौर तरीक़ा, किसी विषय, निर्णय लेने की क्षमता का कुछ हद तक पता चलता है।

साक्षात्कार में सफलता अर्जित करने के लिए आकर्षक व्यक्तित्व, उत्तम शैक्षणिक योग्यता, स्पष्टवादिता, संबंधित विषयों का सामान्य ज्ञान होने के साथ-साथ कुछ अन्य बातें भी हैं। जिनको ध्यान में रखकर साक्षात्कार में सफल हो सकते हैं। साक्षात्कार देना अपने आप में एक कला है। कुछ उम्मीदवार साक्षात्कार के नाम पर ही असंतुलित और तनावग्रस्त हो जाते हैं। कई उम्मीदवार तो संबंधित पद के लिए निर्धारित योग्यता रखते हुए भी असफल हो जाते हैं। अतएव साक्षात्कार के लिए बहुत ही सतर्कता व सावधानी से तैयारी करनी चाहिए। अच्छे साक्षात्कार की तकनीक को समझना चाहिए।

समय से पूर्व पहुंचें

साक्षात्कार के लिए उम्मीदवार को समय से पूर्व पहुंच जाना चाहिए। ऐसा न हो कि आपका नाम पुकारा जाए और आप न पहुंचें। यदि आप कुछ विलम्ब से पहुंचें तो मन में व्यर्थ का तनाव रहेगा। इसके साथ ही साक्षात्कारी पर आपका प्रथम प्रभाव ही ग़लत पड़ेगा। समय से पूर्व पहुंचने का एक लाभ यह भी है कि आपको इस बात की जानकारी भी हो जाएगी कि आपसे पूर्व वाले उम्मीदवार से क्या पूछा है। साक्षात्कारी किस मूड का है कितने सदस्य हैं

साक्षात्कार कक्ष में प्रवेश

साक्षात्कार कक्ष में जाने से पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है एवं प्रवेश के उपरांत शालीनतापूर्वक अभिवादन कीजिए एवं बिना अनुमति के कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए। बैठने के लिए कहे जाने के बाद ‘धन्यवाद’ कह कर अपना स्थान ग्रहण करना चाहिए, साक्षात्कार की समाप्ति पर ‘धन्यवाद’ कहकर विदा लेनी चाहिए। आप जाते समय पीछे घूम कर न देखें। साथ ही बहुत सहजता से बिना किसी शीघ्रता के जाना चाहिए। दरवाज़ा भी बहुत ही धीरे से खोलें, साक्षात्कार के लिए जाते समय आवश्यक प्रपत्र, साक्षात्कार की सूचना, सभी प्रमाण पत्र अपने साथ ले जाएं ताकि आप से कोई भी प्रमाण पत्र मांगा जाए तो तत्काल ही प्रस्तुत कर दिया जाए।

आपने जो दस्तावेज़, प्रमाण पत्र इत्यादि फ़ाइल में लगा रखे हैं उन्हें बहुत ही सुन्दर ढंग से व्यवस्थित रूप से क्रमानुसार लगाना चाहिए। जिससे आप को साक्षात्कार के समय प्रमाण पत्र ढूंढ़ने में कठिनाई न हों। जब साक्षात्कारी की नज़र फ़ाइल की तरफ़ जाएगी, तो वह आप की सुन्दरता, स्वच्छता व व्यवस्था से प्रभावित हुए बिना नहीं रहेगा। आप फ़ाइल में एक तरफ़ ऐसी सूची भी बना लें कि कौन से वर्ष में किस प्रकार की योग्यता प्राप्त की है ताकि बार-बार फ़ाइल देखने की आवश्यकता न रहे। उक्त सूची फ़ाइल में ऊपर ही लगी होनी चाहिए ताकि आप को व देखने वालों को सुविधा रहे।

पर्याप्त ध्यान दें

कई बार प्रत्याशी साक्षात्कारी की पूरी बात सुने बिना ही उत्तर देना शुरू कर देता है जो कि ग़लत है। पूरी बात सुनने के बाद ही बहुत विनम्रता, आत्मविश्वास, सहजता व सरलता से उत्तर दें। आपका उत्तर बहुत ही स्पष्ट, संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित होना चाहिए। ‘गागर में सागर’ या ‘बिन्दू में सिंधू’ वाली बात होनी चाहिए। हमेशा आपका प्रयास हो कि जिस भाषा में प्रश्न पूछा गया हो उसी में उत्तर दिया जाए। शब्दों के सही उच्चारण पर ध्यान दें। कई बार तो आप से अनर्गल प्रश्न पूछ लिए जाते हैं, कुछ प्रश्न ऐसे भी होते हैं जिनके बारे में आपको ध्यान व जानकारी न हो, ऐसी स्थिति में ईमानदारी से स्पष्ट रूप से मना कर दें कि इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। यदि आप ग़लत बोलते हैं तो आप का प्रभाव भी ग़लत पड़ेगा। इसके विपरीत आपने स्पष्ट मना कर दिया तो आपकी स्पष्टवादिता प्रकट होगी। आपको साक्षात्कार देने जाने से पूर्व जिस पद के आप प्रत्याशी हैं उसके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। पद की क्या-क्या ज़िम्मेदारियां हैं, क्या-क्या सेवा शर्तें हैं। इस बाबत भी उस संस्था के क्रियाकलापों की पूरी जानकारी एकत्रित कर लेनी चाहिए। आप वर्तमान रोज़गार क्यों छोड़ना चाहते हैं? नए स्थानों पर क्यों आना चाहते हैं? पिछले चार पांच सालों में आप की क्या गतिविधियां हैं? आपकी नियमित दिनचर्या क्या है? आप जिस स्थान व क्षेत्र में रहते हैं उसकी पूरी जानकारी होनी ही चाहिए। ऐसे प्रश्नों के उत्तर जितने बेहतरीन तरीक़े से देंगे, आपका प्रभाव उतना ही अच्छा रहेगा। विभिन्न परीक्षाओं में आपका जो प्रिय विषय रहा है उसके बारे में भी आप के विचार जाने जा सकते हैं।

वेशभूषा

यदि आप किसी अधिकारी की हैसियत से साक्षात्कार देने जा रहे हैं तो आपकी वेशभूषा भी अधिकारी की हैसियत के अनुरूप हो। बाल सही ढंग से बनाए हों, नाखून कटे हों। साक्षात्कार के समय चप्पल या सैंडिल पहनकर न जाएं। जहां तक संभव हो, जूते मोज़े पहनकर जाएं। यहां यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आपके जूते तेज़ आवाज़ वाले न हों। जूते साफ़ पॉलिश किए हुए हों। यदि आप साधारण पद या क्लर्क के लिए साक्षात्कार देने जा रहे हो तो सूट या टाई लगाकर न जाएं। कपड़े साफ़-सुथरे, ठीक प्रकार के हों, कपड़ों में सिलवटें न हों, दांत स्वच्छ हों।

साक्षात्कारी पर व्यक्तित्व का भी प्रभाव पड़ता है। स्वयं को इस ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए कि सामने वाला आपसे प्रभावित हुए बिना न रहे। कुछ लोग सेंट या इत्र लगा कर जाते हैं। यह भी ग़लत तरीक़ा है। इससे ग़लत प्रभाव पड़ता है।

आपसे जब प्रश्न पूछे जा रहे हों उस समय उबासी लेना, पैर बजाना, उंगलियां चटकाना इत्यादि हावभाव प्रदर्शित नहीं करना चाहिए, न ही छत की तरफ़ टकटकी लगाकर देखें। आप बिल्कुल तनाव रहित, सहज व सरल रहें।

आशावादी दृष्टिकोण

आपसे कोई बात पूछी जाए या आप से किसी बात पर टिप्पणी मांगी जाए तो बहुत ही संतुलित उत्तर या टिप्पणी दें। ऐसा न हो कि किसी विभाग विशेष के बारे में पूछा जाए तो आप उसकी शिकायत करें व संबंधित विभाग की ख़ामियां बताते रहें। इससे साक्षात्कारी यह सोचने पर बाध्य होगा कि यह व्यक्ति तो हमेशा अप्रसन्न रहने वाला है। अतएव हमेशा गुण-दोषों की व्याख्या इस प्रकार करनी चाहिए कि आपकी निष्पक्षता प्रकट हो। काफ़ी समय पूर्व साक्षात्कार संबंधी एक घटना घटी थी। साक्षात्कार के दौरान एक आधा पानी भरा गिलास रखा गया एवं उम्मीदवारों से पूछा गया कि यह कैसा है। कुछ उम्मीदवारों ने कहा कि आधा भरा हुआ है और कुछ ने कहा कि आधा गिलास ख़ाली है। जिन उम्मीदवारों ने कहा था- आधा भरा हुआ है, उनका चयन कर लिया गया। जिन्होंने कहा कि आधा ख़ाली है, उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया। बात छोटी सी है मगर ग़ौरतलब यह है कि जिन लोगों ने कहा कि आधा भरा हुआ है उससे उनके आशावादी दृष्टिकोण का पता लगता है। आधुनिक समय में भी निराश व्यक्ति ही तनावग्रस्त मिलते हैं।

झूठ का सहारा और रौब का प्रदर्शन

कई उम्मीदवार या प्रत्याशी अपना रौब प्रदर्शित करने के लिए यह कहते हैं कि अमुक नेता, अभिनेता, मंत्री, अधिकारी हमारे निकट के रिश्तेदार हैं। अत: ऐसी बात प्रदर्शित न करें अपनी स्थिति को मज़बूत करने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। क्योंकि सत्य यह है कि एक झूठ के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं व यह भी कि झूठ छिपता नहीं है। यदि चयन मंडल में आप का कोई परिचित है तो यह भी अपनी बातों से प्रकट न करें अन्यथा चयन मंडल पर ग़लत प्रभाव पड़ेगा।

कई बार साक्षात्कारियों द्वारा अजीबोगरीब प्रश्न पूछे जाते हैं। सही उत्तर होने के बावजूद पुन: प्रश्नवाचक दृष्टि से पूछा जाता है कि सही क्या है। सही होने पर तटस्थ रहें व आत्मविश्वास रखें। ऐसे समय बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर बहुत ही शालीनता व विनम्रता के साथ देना चाहिए। बातचीत के दौरान आपका संबोधन बहुत ही आदरयुक्त होना चाहिए। इस प्रकार की बातें व शालीनता का व्यवहार निश्चित रूप से साक्षात्कारियों को प्रभावित करेगा।

अंत में यह कहा जा सकता है कि साक्षात्कार में सफलता के लिए योग्यता के साथ-साथ आप का प्रभावी व्यक्तित्व, हाज़िर-जवाबी, आत्मविश्वास, स्पष्टवादिता, दृढ़ता, आशावादी दृष्टिकोण आदि ऐसे गुण हैं जो आपकी सफलता में निश्चित रूप से सहायक होंगे।

साक्षात्कार की समाप्ति पर हल्की सी मुस्कान के साथ धन्यवाद कह कर विदा लेनी चाहिए। हाथ मिलाने की पहल नहीं करनी चाहिए।

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