प्रेम संबंध

सहज प्रीत की सहज (साखी) कहानी

-दीप ज़ीरवी भारत भूमि की विराट कैनवस है जिस पर समय के चित्रकार ने अपनी तूलिका से समय-समय पर विभिन्न रंग बिखेरे हैं। कहीं महाभारत का समरांगण तो कहीं गोकुल, कहीं वृन्दावन। कहीं दक्षिण के पठार, कहीं हिमालय को छेड़ कर निकलती शीतल बयार, समय के चित्रकार की यह अनुपम कला कृतियां ही तो हैं। मेरे भारत के कण-कण में ...

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क्यों होता है प्यार अंधा

–सुरेन्द्र सिंह चौहान ‘काका’ मैं वह रात कभी नहीं भूल सकती, जब मैं हाथों में चाय का प्याला लिए घड़ी की सुइयों को देख रही थी। मैं हाल ही में चंडीगढ़ से मुम्बई आई थी। आज की शाम मैंने अपने प्रेमी चेतन के साथ गुज़ारी थी। मुझसे विदा लेने के बाद वह एक अन्य युवती के साथ फ़िल्म देखने चला ...

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कैमिस्ट्री ऑफ़ लव क्या है?

  -धर्मपाल साहिल प्यार के बारे में जितना मुंह उतनी बातें जितना कहा उतना थोड़ा। कोई कहे प्यार अंधा होता है, कोई माने यह किसी से भी, कहीं भी, कभी भी हो सकता है। न उम्र की सीमा, न जन्म का बंधन। किसी का विश्‍वास है प्यार किया नहीं जाता है। कोई इसे क़िस्मत का खेल तो कोई दिलों का ...

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यही तो प्यार है

  -मिलनी टण्डन रसिक प्रिया प्यार एक ऐसा जज़्बा है जिस पर नियंत्रण नहीं हो सकता। इसके भाव या चिन्ह चेहरे पर झलक ही आते हैं। आपके व्यवहार में भी परिवर्तन आ जाता है। इसे दूसरा पक्ष समझ लेता है। यही कि आप को उससे प्यार हो गया है। आप भी इन लक्षणों को समझें जो बताते हैं कि आपको ...

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परख विज्ञान की, प्रेम को नशा मानते हैं वैज्ञानिक भी

-डॉ.सन्त कुमार टण्‍डन ‘ रसिक’ प्रेम का एक नशा होता है जो दीवानगी पैदा कर देता है। तभी कहते हैं लव इज़ ब्लाइंड। प्रेम की कोई जाति, धर्म, उम्र नहीं होती। यह कोकीन या किसी भी मादक द्रव या पदार्थ की तरह चढ़ता है। यह बात मनोवैज्ञानिक तो मानते ही थे, अब वैज्ञानिक भी मानते हैं। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ...

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प्रेम की दुश्मन दुनिया

  –शोभा आफताब यारो मेरी अर्थी उठाने से पहले, दिल निकाल लेना जलाने से पहले। इस दिल में रहता है और कोई कहीं वो न जल जाए मेरे जल जाने से पहले। प्यार भी क्या ग़ज़ब की चीज़ है जिसे पाने की हर किसी को चाहत होती है। यह प्यार मिल जाए तो ज़िन्दगी स्वर्ग लगने लगती है और बिछड़ ...

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प्रेम पराकाष्‍ठा में नारी परमात्मा स्वरूप

–रमेश सोबती ढाई अक्षरों का शब्द प्रेम जितना सीमित है इस का अर्थ उतना ही विराट है। प्रेम की व्याख्या है-“जो प्रसन्नता प्रदान करे।” प्रेम में संतुष्‍टि का तत्व निहित है, यही संतुष्‍टि प्रेम अथवा प्रणय की प्रेरक शक्‍ति है। इस चरम तृप्‍ति-प्रद प्रेम भावना का मूल स्थान हमारी आत्मा में है, क्योंकि आत्मिक प्रेरणा के अभाव में कोई भी ...

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क्या आकर्षण ही प्रेम है

  –बलबीर बाली बात हमारे मित्र पंकज की है। मित्र क्या वो तो हमारे छोटे भाइयों की तरह है। शायद इसलिए ही वह हमसे कोई बात नहीं छिपाता था परन्तु उस दिन तो पंकज के रंग-ढंग ही बदले हुए थे। समय दोपहर लगभग 12 अथवा 12.30 का होगा। हम अपने ऑफ़िस के लिए तैयार हो रहे थे, कि अचानक हमारे ...

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न उम्र की सीमा हो

-आकाश पाठक जहां एक और संस्कृति बदलती जा रही है फैशन समय-दर-समय करवट बदलता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पुरुष एवं स्त्री की विचारधाराओं में व्यापक परिवर्तन होता जा रहा है जो कि लाज़िमी है। विवाह या शादी को उन्नीसवीं शताब्दी में ‘गुड्डे-गुड़ियों का खेल’ की भावना से लिया जाता था, यह कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा, कारण-बीते ...

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गर्ल फ्रैण्ड से शादी,ना बाबा ना

  -नील कमल (नीलू) आज के भारतीय युवक जब बेमायने बंदिशों व भारतीय संस्कृति के पुराने व निरर्थक विचारों को पीछे छोड़ व अपने पूर्वजों द्वारा बनाई गई कड़ी ज़ंजीरों को तोड़ कर बेख़ौफ हो खुली हवा में उड़ने के लिए प्रयत्‍नशील हैं, वहीं यह भी सोचने लायक बात है कि क्या वास्तव में वे अपनी मानसिकता को बदलने में ...

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