समाज और समस्याएं

आर्थिक आरक्षण ही कर सकता है जातिगत आरक्षण के उग्रवाद का अंत

– मनोज चौहान आज़ादी के उपरान्त संविधान निर्माताओं द्वारा आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ चुके लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था का प्रावधान किया गया था। उस वक़्त यह तय किया गया कि यह आरक्षण मात्र दस वर्षों के लिए अस्थाई तौर पर होगा। जाति को आरक्षण का आधार बनाना ही संविधान की मूल भावना को नकारना प्रतीत होता ...

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हिस्टीरियाः कमज़ोरी का दमन

एक महिला को मेरे पास लाया गया। युनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर है। पति की मृत्यु हो गई तो वह रोई नहीं। लोगों ने कहा बड़ी सबल है। सुशिक्षित है, सुसंस्कृत है। जैसे-जैसे लोगों ने उसकी तारीफ़ की वैसे-वैसे वह अकड़ कर पत्थर हो गई। आँसुओं को उसने रोक लिया। जो बिलकुल स्वाभाविक था, आँसू बहने चाहिएं। जब प्रेम किया है और ...

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सेम सेक्स मैरिज – एक अनावश्यक ज़रूरत

गे के मुक़ाबले लेस्बियन की ज़िन्दगी ज़्यादा चुनौतियों भरी है। परिवार के सहयोग व डॉक्टर की सलाह से ऐसी लड़कियों को एक नई ज़िन्दगी की शुरूआत कराई जा सकती है।

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वास्तु शुद्धि

  इन सरल और साधारण उपायों से कीजिये अपने घर की वास्तु शुद्धि — शुभ वास्तु के लिए फेंग शुई आदि विदेशी उपाय अपनाने के बजाये हमारे इन स्वदेशी उपाय को आजमाएँ ।। चाइनीज़ लोग स्वयं तामसिक आहार जैसे कीड़े मकोड़े, कुत्ते, घोड़े सब खाते हैं तो वे वास्तु शुद्धि के सात्विक उपाय कैसे दे सकते हैं? पंडित दयानन्द शास्त्री ...

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देवियो, बहनों और बच्चियो नशे से दूर रहो

-गोपाल शर्मा फिरोज़पुरी समस्त सृष्‍ट‍ि की रचयिता जगत दात्री पूजनीय महिलाओ आप धरती का स्वर्ग हो, इसको आप नशे के सेवन से नर्क मत बनायें। मर्द तो प्राचीन काल से ही नशे की लत से संलिप्‍त है। सतयुग हो या त्रेता, द्वापर हो या कलयुग मर्द ने मदिरा को खूब चूमा है। देवता हो या दानव, गन्धर्व हो या राक्षस सभी ...

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कुण्डली में पितृ ऋण

  क्या करें अगर कुण्डली में पितृ ऋण हो तो—           1-जीवित पिता और गुरू की सेवा करें ध्यान रहे कोई भी ऐसा कार्य न होने पाये जिससे पिता और गुरू को कष्‍ट हो।           2- माता-पिता और गुरू के चरण छूकर आशीर्वाद लेकर ही घर से बाहर निकलें सफलता अवश्य मिलेगी। ...

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आओ विचारें आज मिलकर

-जसबीर चावला   सभी हिन्दु एक से नहीं होते, न एक से मुसलमान होते हैं। दरअसल एक जैसी कोई दो मूरतें भगवान् ने नहीं बनाई। एक ही पेड़ पर हर पत्ता अलग है। प्रकृति में सूक्ष्मता से वैज्ञानिकों ने अध्ययन कर पाया है, एक सा होते भी कुछ न कुछ फ़र्क़ रहता ही है। तभी तो लोकोक्‍तियां भी है- ‘‘पांचों ...

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