समाज एवं सामाजिक समस्याएं

आज के युवा और सेक्स

आधुनिक समाज ने अनेक क्षेत्रों में प्रगति की है लेकिन प्रगति के नाम पर अनजाने में कुछ कुप्रवृत्तियां भी समाज में व्याप्त हो गई हैं। इन्हीं में एक है विवाह पूर्व उन्मुक्त यौन सम्बन्ध

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क्या वास्तव में रावण मर गया?

गौरतलब है कि रावणत्व का वृक्ष फल-फूल रहा है, इसका शिखर आकाश में व जड़ पाताल में है। केवल शाखाएं तोड़ देने या प्रांकुर काट देने से इसकी समाप्ति मुमकिन नहीं।

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आज के बच्चों को स्वतन्त्रता

अगर यूं कहा जाये कि बच्चों की स्वतंत्रता पूरी तरह उनके हित की या समाज और देश हितकारी है तो सरासर ग़लत होगा, क्योंकि अकेले फूल शायद ही कभी मिले हों कांटे भी साथ होते ही हैं।

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सुंदरता या ग्लैमर बदले मायने

कई बुद्धिजीवियों का मानना है सौंदर्य का क्षेत्र इतना संकुचित नहीं। यदि महिला देखने में सुंदर है किन्तु पढ़ी-लिखी न हो तो वह सुंदरता फीकी पड़ जाती है। सुंदरता तो देश-प्रदेश के साथ अपनी परिभाषा बदलती रहती है।

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बदल गए हैं सौंदर्य के मायने

सौंदर्य अपने आप में एक कला है, जिसको आजतक कवियों, लेखकों, बुद्धि-जीवियों, प्रेमियों इत्यादि ने अपने-अपने तरीक़े से देखा और परखा है। कहते हैं सौंदर्य, देखने वाले की आंखों में होता है।

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 बुढ़िया पुराण निरा अंधविश्वास नहीं

‘बुढ़िया पुराण’ केवल गर्भवती महिला को ही नसीहत नहीं देता, यह परिवार के अन्य सदस्यों को भी नेक सलाह देता है। इसका कहना है कि गर्भवती को हर प्रकार संतुष्ट व प्रसन्न रखने का प्रयास करना चाहिये।

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सही समय पर करें कैरियर का चुनाव

कैरियर का मुद्दा सीधे जीवन से जुड़ा है। अगर आप अपनी रुचि का ही कैरियर बनाते हैं तो आपका काम में मन लगेगा साथ ही आप उस क्षेत्र में बेहतर प्रगति कर सकते हैं।

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यूं बेवजह उदास क्यूं!

उदासी दूर करने के लिए ज़रूरी है कि हम अपने वर्तमान हालातों में फेर-बदल करें। परिवर्तन ज़िंदगी का नियम है। ज़िंदगी के ख़ास तरीक़े में चलते-चलते हम थक जाते हैं

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