अपने अपराधों से मत शरमाइए। आइए, आइए, आइए, अपने अपराधों के आधार पर हमारी पार्टी के थ्रू राजनीति में अपनी आदरणीय जगह बनाइए।
Read More »साहित्य सागर
नये अशआर
लांघ कर जिस दम रिवायत की हदों को आएगी देख लेना फिर वो बस्ती भर में पत्थर खाएगी चांद तारे मुंह छिपा लेंगे घटा की ओट में कोई गोरी अपनी छत पर ज़ुल्फ़ जब लहराएगी
Read More »कौमी एकता
वो तवायफ़ कई मर्दों को पहचानती है शायद इसलिये दुनिया को ज़्यादा जानती है उसके कमरे में हर मज़हब के भगवान् की एक-एक तस्वीर लटकी है
Read More »जोंक
सता की कुर्सी के पैरों में जनता का लहू बहता है उस पर सवार नेता उसे जोंक की तरह चूसता रहता है छुटभैये भी मच्छर की तरह भिनभिनाते रहते हैं मौक़ा लगते ही चूस कर उड़ जाते हैं
Read More »थोड़ी ही देर सही
थोड़ी ही देर सही मौसम खुशगवार हुआ तो था। थोड़ी ही देर सही तुझको प्यार हुआ तो था। कहां गया वह पौधा जिसे लगाने पर बूटा-बूटा चमन का
Read More »“मैंने भगवान् बदल लिया है”
"कहां जाऊं किसके सहारे जीऊं।"राघव ने उत्तर दिया, "क्यूं खूबसूरत हो जवान हो व्यवसायी हो बीसियों हाथ थामने वाले मिल जायेंगे।"
Read More »पानी से मत बहो
पानी-से मत बहो पूर्व-निर्मित सड़को पर। नई पगडंडियां विकसित करो। आलोचना का गरल तो मिलेगा इस राह में
Read More »आस्था में सेंध
पंडित ने कहा था यजमान आपके भाग्य का सितारा चमकने वाला है कुछ ही देर के बाद आपकी अपनी कोठी होगी और आपके पास अमुल्य धन सम्पदा होगी।
Read More »दाग अच्छे हैं और दाग़ी उससे भी अच्छे
चोर चोर तो फिर भी मौसेरे भाई होते हैं, पर दाग़ी दाग़ी सगेरे भाई होते हैं। लोकतंत्र की ख़ास बात यह होती है कि यहां संख्या का गणित चलता है
Read More »यंत्र पुरुष
'क्योंकि वह शख़्स आपकी बिरादरी से है आप मेरे साथ चलकर देख लें एक बार’ तभी उसके पीछे एक साथ जनाना लिबास पहने हुए कई हिजड़े चलने लगे थे।
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