छुआ तक नहीं, हे री सीता, पाई सज़ा! हर साल, खुलेआम, रावण-दहन तमाशा, जनता देखती, ताली पीटती।
Read More »मीरा हिंगोरानी
मर्दानगी का दावा
चौदह वर्ष की बच्ची, एक पुरुष के हत्थे चढ़ी। पीड़ा दायी आनन्द अटृहास कर उठा। पुरुष की मर्दानगी चरम सीमा पर पहुंची बच्ची की हत्या कर डाली।
Read More »मौसम के अनुसार लगाएं उबटन
प्राचीनकाल से चली आ रही उबटन परम्परा आज भी चलन में है। आदिकाल में महारानियां अपनी दासियों से उबटन लगवाकर, कमनीय बनने का प्रयोग करती थीं। उबटन से त्वचा में लचक व आकर्षण बना रहता है।
Read More »सूरज की तलाश
नहीं जानती, उगा होगा, किसी अनजाने देश में, सतरंगी सूरज। इन्द्रधनुशी आभा से खिला होगा, प्रकृति का कण-कण।
Read More »रसोई की रानी
सिरके में नमक व शहद मिलाकर लगाने से चेहरे के दाग़-धब्बे ठीक होते हैं। धनिये की पत्ती पीसकर बालों में लगाएं। सूखने से गुनगुने पानी से धोएं। बालों का गिरना रुकेगा।
Read More »आओ चलो रसोई घर में
बरसात के दिनों में अक्सर दालों में कीड़े पड़ जाते हैं। दाल को डिब्बे में भरने से पूर्व हलका सरसों के तेल का हाथ लगाएं।
Read More »अभागी मां
एक आवाज़ फूटी- वह जल मरी भीड़ भरे शोर में दादी की भरोई आवाज़ गूंजी
Read More »कारागार में
पूछो न कैसे मैंने दाग़ मिटाएं
खूंटी से बंधी नारी
यदि कहीं प्रेम-क्रीड़ा में असफलता मिली तो झट प्रेमिका का गला घोंट कर हत्या कर डाली। ये इकीसवीं सदी के कायर प्रेमी संकल्प और संघर्ष की नदी पार क्यों नहीं कर सकते। जिस समाज में इतने बुज़दिल युवा पुरुष, पल-बढ़ रहे हों, वह समाज यक़ीनन भीतर से जर्जर व खोखला होगा।
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