मैं चिन्ता में गहरे समा रहा था कि पत्नी बोल पड़ी, “सोच क्या रहे हो? उसे कोई पूछता भी था? कितनों को तो तुम दिखा चुके थे। कोई उसे छापने को तैयार था?”
Read More »November 29, 2018 2 Comments
मैं चिन्ता में गहरे समा रहा था कि पत्नी बोल पड़ी, “सोच क्या रहे हो? उसे कोई पूछता भी था? कितनों को तो तुम दिखा चुके थे। कोई उसे छापने को तैयार था?”
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