कहते हैं इस दुनिया को औरत खूबसूरत बनाती है। औरत के होने से ही इस दुनिया में स्वर्ग का अहसास होता है और औरत को खूबसूरत बनाती हैं, उसकी अदाएं। उसका इतराना, उसका शर्माना उसकी अदा है। शुरू से ही वो अपनी अदाओं से मर्दों को घायल करती आई है। उसकी नज़ाकत ने बड़े-बड़े वीर पुरुषों के दिलों को पसीजा है। नील कमल ‘नीलू’ का शेयर है:-

“वो पहलू में दिल को भला कैसे संभाले,
जो देख ले इक बार ये हुस्न ये अदाएं।”

खूबसूरती का कोई मापदण्ड नहीं। हर किसी के लिए खूबसूरती के मायने अलग हैं। जब किसी की आंखों में शायर डूबते हैं तो केवल आंखों की अदाएं, आंखों में भरी मस्ती और प्यार ही उन पर असर छोड़ते हैं। फिर तो चाहे सांवली ही क्यों न हों। चेहरे में खूबसूरती के नाम पर कोई नक्ष न हो। उन्हें उन आंखों के सामने तीखे नैन-नक्ष वाली गोरे रंग की कोई औरत प्रभावित नहीं कर पाती। अलग-अलग शायर कई ढंगों से ब्यान करते हैं।
     कइयों को ‘चुम्बक सी नज़र’ ने प्रभावित किया तो कइयों को ‘निगाहों में शोले’ नज़र आए, कइयों को आंखों में नशा नज़र आता है। कुछ शायर तो निगाहों को क़ातिलाना भी बताते हैं।
    केवल आंखों की खूबसूरती का ही ब्यान नहीं किया गया। कई बार वो अपनी ज़ुल्फ़ें बिखरा कर भी प्रभावित करती हैं। माथे पर गिरी ज़ुल्फ़ें या हवा में उड़ती ज़ुल्फ़ें अपना असर न छोड़ें यह तो हो ही नहीं सकता। कहते हैं कि यदि कोई एक बार ज़ुल्फ़ों में गिरफ्‍़तार हो जाए तो उस का छूट पाना मुश्किल है।
     इसी के साथ उसकी चाल, उसकी हंसी, उसका शर्माना सभी अदाओं का ज़िक्र होता है। उसका बल खाकर चलना और नाज़ुक सा हंसना, शर्माकर बार-बार आंखें झुकाना, मुंह को हाथों में छुपाना उसकी वो प्यारी अदाएं हैं, जो सभी को मंत्र मुग्ध करती हैं। यहां तक कि उसकी अंगड़ाइयों, उसके सोने में भी एक अदा होती है।
    समय के साथ जहां हर बात बदली, अदाएं भी बदल गईं। अदाएं प्यारी वो भी थीं, अदाएं प्यारी यह भी हैं पर अब तरीक़ा बदल गया है। मासूम अदाओं का स्थान अब चंचल शोख़ अदाओं ने ले लिया है। अब वो किसी को अपनी ओर देखते हुए देख कर शर्माकर नज़र नहीं झुकाती। उसकी नज़र झुकाने की अदा पर मंत्र मुग्ध होने की बजाय अपने पर उसकी गढ़ी नज़रें देख कर ख़ुद घबराने लगे हैं। अब जहां दिन ब दिन उसका साहस बढ़ने लगा है उसकी नज़ाकत भरी अदाएं अब लुप्त होने लगी हैं। अब वो बल खाकर नहीं चलती वो तेज़ रफ्‍़तार से पुरुषों के संग क़दम मिलाने में सक्षम है।
    आज सीधी-सादी, नाज़ुक लड़कियों की अदाएं दूसरों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित नहीं करती। आज शोख़ चंचल लड़कियों की शरारतों से भरपूर अदाएं अपने पीछे मजनुंओं की लाईनें लगाती हैं। यह अलग बात है कि अब ये सड़कछाप मजनूं भी दिन में कइयों के पीछे घूमते फ़िदा होना नहीं जानते।
     पहले जब हीर धूप में चलती थी तो उसके पांवों में छाले पड़ जाते थे। ज़रा भार उठाने से उसकी बांह में बल पड़ जाता या कमर झुक जाती थी। उसकी इसी नज़ाकत भरी अदाओं पर शायर लिख-लिख कर थकते नहीं थे। आज औरत चोटी पर चढ़ती है, विमान चलाती है और जूडो-कराटे में महारत हासिल करती है। आज उसकी बहादुरी के बारे में लिखा जाता है।
    आज आप शहरों में देखते हैं कि लड़कियों के हाव-भाव लड़कों से होते जा रहे हैं। मां-बाप के मुंह से भी यह अक्सर सुना जाता है कि यह तो मेरा लड़का ही है। वो बांहें मार-मार कर चलती है। रास्ते में शरारतें करना इनके लिए आम बात है। इनकी मासूमियत खोती जा रही है। आज लड़के इनके पीछे नहीं लगते, ये खुद लड़कों को अपने पीछे लगाती हैं और इसमें फ़ख़र महसूस करती हैं।
    अदाओं के बदलने का असर आप फ़िल्मों और दूरदर्शन पर भी देख सकते हैं। पहले मीना कुमारी हीरो को रोकने के लिए नाज़ुक अदाएं बिखेरती हुई गाती थी:-

“न जाओ सईंयां छुड़ा के बईंयां,
क़सम तुम्हारी मैं रो पडूंगीं।”

आज तब्बू हीरो को रोकने के लिए अपने नए स्टाईल की अदाएं बिखेरती गाती है :- 

“रुक-रुक-रुक अरे बाबा रुक,
ओ माई डार्लिंग गिव मी ए लुक।”

आज अदाओं में शामिल हो चुका है उछलना, कूदना और चिल्लाना। पहले के समय में वैजयन्ती माला पर हीरो का कुछ ज्‍़यादा ही जादू चला तो उसने मचल कर कुछ यूं कहा:-

“ देखो मेरा दिल मचल गया
तुम्हें देखा और बदल गया।”

लेकिन आज जब हीरो ने सुष्मिता का होश उड़ाया तो उसका अंदाज़ कुछ निराला ही था इस गाने में :-

“होश न ख़बर है ये कैसा असर है,
तुमसे मिलने के बाद दिलबर।”

कई बार खुशी हद से बढ़ती है तो अपना आप ज़मीन से ऊपर महसूस होता है। ऐसी ही खुशी में गाया एक पुराना गाना है:-

“आज कल पांव ज़मीं पर नहीं पड़ते मेरे,
बोलो देखा है कभी तुमने मुझे उड़ते हुए।”

लेकिन ऐसी ही खुशी में मनीषा के कुछ अंदाज़ देखने को मिलते हैं इस गाने में :-

“आज मैं ऊपर, आसमां नीचे,
आज मैं आगे, ज़माना है पीछे।”

फ़िल्मों में कई बार नशे की हालत में भी अदाएं बिखेरी जाती हैं। एक पुरानी फ़िल्म में एक गाने में नशे की हालत में बड़ी नशीली अदाएं देखने को मिली हैं वो गाना है:-

“आओ हुज़ूर तुमको सितारों में ले चलूं ,
दिल झूम जाए ऐसे नज़ारों में ले चलूं।”

लेकिन एक फ़िल्म में एक गाने में नशे की हालत में काजोल के नए अंदाज़ हैं:-

“ज़रा सा झूम लूं मैं, अरे ना रे बाबा ना ,
आ तुझे चूम लूं मैं, अरे ना रे बाबा ना।”

इन गानों को देखते हुए बहुत आसान है, अदाओं के बदलाव को समझना। साहस के साथ-साथ अजीबो गरीब बनना भी शामिल है, इनके मॉड होने में। आज ये बालाएं अजीबों गरीब हरकतें करेंगी, अजीब कपड़े पहनेंगी। आज वो इतराना भूल कर उछलने कूदने लगी हैं। आप ने कई चैनल्‍ज़ पर भी देखा होगा कई बार कंपीअरिंग करने वाली लड़कियां बहुत ही मूर्खतापूर्ण व्यवहार करती हैं और इन मूर्खतापूर्ण हरकतों को आज अदाओं में शामिल किया गया है। पहले जहां चुप रहना अदा होती थी, आज ज़यादा से ज़यादा चिल्लाना अदा हो गई है।
     पहले वो जितना ज्‍़यादा शर्माती थी, उतनी ही प्यारी अदा दिखती थी उसमें। पर अब तो कभी कोई लड़की आपको शर्माती नहीं दिखेगी। ऐसा नहीं कि आजकल लड़कियों को शर्म आती नहीं लेकिन वो अपनी भावनाएं छुपा जाती हैं। क्योंकि शर्माना आउट ऑफ़ फ़ैशन हो गया है।
     इन अदाओं के बदलते एक बात ज़रूर कहनी चाहिए कि नज़ाकत, शर्म से भरपूर मासूम अदाएं आज भी देर तक असर छोड़ती हैं। ये दिल नहीं रूह तक उतरती हैं।
    आज भी ऐसी मासूम अदाओं की कमी नहीं और चाहने वालों से ये छिपती भी नहीं।

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