-माधवी रंजना

अगर आपके पास मोबाइल है तो मिस काॅल भी आते होंगे। कई बार आप काॅल बैक करते हैं तो कई बार इग्नोर कर देते हैं। काॅल बैक करना या अटेंड करना इस बात पर निर्भर करता है कि काॅल किस व्यक्‍त‍ि का है। जो भी हो इस मिस काॅल की सुविधा ने मिस की ज़िंदगी में बहार ला दी है। उनकी जेब का बोझ अब कम हो गया है। महानगर के प्रेमी अब अपनी मिस को मोबाइल गिफ़्ट करते हैं तो भी वे अपने प्रेमी को फ़ोन नहीं करतीं बल्कि मिस काॅल देती हैं। यानि तुम काॅल बैक करो। वे अपना जेब ख़र्च बचाती हैं उधर प्रेमी की जेब पर डबल ख़र्च बढ़ता है। अब भला कोई भी प्रेमी अपनी प्रेयसी को नाराज़ थोड़े करना चाहेगा इसलिए हर मिस काॅल का जवाब देना ज़रूरी है।

जब से फ़ोन पर और मोबाइल पर काॅलर आई.डी. की सुविधा आई है मिस काॅल आने लगी हैं। मिस काॅल ने ज़्यादा लोगों की मुसीबतें बढ़ाई हैं। कई बार दफ़्तर से आपका बॉस ही बार-बार मिस काॅल करता है तब आपकी परेशानी बढ़ जाती है। किसी मुसीबत को काॅल बैक कैसे किया जाए। यहां हम आपको कुछ सरल टिप्स दे रहें हैं कि ऐसी मिस काॅल का क्या किया जाए।

जब बॉस का मिस काॅल आएः- कभी अटेंड न करें। बाद में बहाना बना दें कि जब आपका मिस काॅल आया मैं अपने बच्चे को घुमाने पार्क में गया था। मेरा फ़ोन तो घर में ही छूट गया था। आप कह सकते हैं मोबाइल से मुझे मिस काॅल ढूंढ़ना नहीं आता या आप कह सकते हैं कि मैं फ़ोन छोड़कर अस्पताल या सिनेमाघर में गया था। आप अपनी बुद्धि से सिचुएशन के अनुसार बहाना बना सकते हैं। बहरहाल बॉस को कभी मिस काॅल करना भी नहीं चाहिए। उसे चाहिए कि वह पूरी बात ही करे।

कभी मिस न करें मिस का मिस काॅलः- अगर मिस काॅल आपको कोई मिस कर रही हो तो उसे कभी मिस न करें। इससे मिस निराश हो सकती है। निराश होकर वह आपको छोड़कर किसी और को मिस काॅल करना आरंभ कर सकती है। इसलिए मिस को खुश रखने के लिए उसके हर मिस काॅल का तुरन्त काॅल बैक करें। आप अपने टैलीफ़ोन बिल की चिंता न करें। वह तो किसी न किसी तरीक़े से भरा ही जाएगा। अगर पैसे न हों तो उधार लेकर बिल भरें। क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर दें अगर ज़रूरत पड़े तो दोस्तों से उधार ले लें। पर मिस को नाराज़ न करें, यह आपके हक़ में अच्छा होगा।

अनपहचानी काॅल्ज़ का जवाब न देंः- आपके मोबाइल पर किसी ऐसे व्यक्‍त‍ि का मिस काॅल आता हो जिसका नम्बर आप नहीं पहचानते हों तो उसका हरगिज़ जवाब न दें। हो सकता है वह कोई रॉन्ग नम्बर हो। यह भी हो सकता है कि कोई कमज़र्फ आपसे कर्ज़ मांगने के लिए ही आपको बार-बार किसी बिना पहचाने जाने वाले नम्बर से मिस काॅल मार रहा हो।

मिस काॅल अगर एस.टी.डी. नम्बर का आता हो तो और भी सावधान रहें भला क्या ज़रूरत है कि आप किसी को लम्बा ख़र्च करके जवाब दें। पुराने ज़माने में लोग बेरंग लेटर भेजा करते थे, जिसमें डाक टिकट नहीं लगाया जाता था इसमें चिट्ठी के पहुंचने की गारंटी तो रहती थी पर पाने वाले से डाक विभाग दुगना ख़र्च वसूलता था। आजकल के मिस काॅल ठीक उसी बेरंग लेटर की तरह ही हैं जिसमें अटेंड करने वाले को अपनी जेब से बिल भरना पड़ता है। आप भला क्यों ज़हमत मोल लेना चाहते हैं। ऐश कीजिए न ……..।

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