-संदीप कपूर

कभी औंधे, कभी चित्त तो कभी करवट लेकर सोते समय हम भले ही सब कुछ भूल जाते हैं लेकिन हमारे सोने का हर ढंग दूसरों को हमारे बारे में सब कुछ बता सकता है। यक़ीन नहीं आता न? लेकिन यह सच है कि वैज्ञानिकों ने सोने की हर मुद्रा पर व्यक्तित्व का खुलासा कर डाला है। आइए हम भी जानें कि किस ख़ास ढंग से सोने वाला इंसान हक़ीक़त में कैसा होता है।

ज़्यादातर लोग करवट लेकर सोना पसंद करते हैं। इनकी दाद देनी पड़ेगी कि ये तनाव या विपरीत हालातों के समय भी निराश नहीं होते। मामूली बातों को लेकर पैदा होने वाली समस्याओं से किनारा कर लेना इनका गुण है। ये अपनी कमज़ोरियों और ताक़त के बारे में बखूबी जानते हैं। किसी से मिलने पर तुरंत उससे दोस्ती नहीं गांठ लेते बल्कि फूंक-फूंक कर आगे क़दम बढ़ाते हैं। हक़ीक़तन ऐसे लोग छले जाने के बाद सावधान होते हैं। इसलिए कहीं भी अपनी पुरानी ग़लतियां नहीं दोहराते। स्पष्टवादी इतने कि यदि आपने कुछ ग़लती कर दी हो तो ये आपके मुंह पर उसे बताते झिझकेंगे नहीं।

चित्त होकर यानी घोड़े बेचकर सीधे सोने वाले लोगों का स्वभाव भी सीधा-सादा होता है। ये दूसरों पर बेहद विश्वास करते हैं। यह बात अलग है कि विश्वास टूटने पर इन्हें दुःख भी काफ़ी होता है। किसी अपने के दिल को चोट न पहुंचाने की मंशा से ये कभी अप्रिय बात नहीं करते। किसी अपने पर कोई शक होने पर भी उसे दुःख न पहुंचाने की ख़ातिर ये चाहते हुए भी अपना मुंह खोल नहीं पाते। इनमें आत्मविश्वास की कमी होती है।

करवट लेकर टांगों को सीने से सिकोड़ कर सोने वाले विपरीत परिस्थितियों में जल्दी घबरा जाने वाले होते हैं। ये आमतौर पर अकेले रहना पसंद करते हैं। इनमें असुरक्षा तथा हीन भावना बलवती होती है। इन्हें कोई भी आसानी से डरा-धमका सकता है। ये दोस्त बनाने में अपनी ओर से सावधानी बरतते हैं और उसे निभाने की पूरी कोशिश करते हैं। इन संकोची लोगों को अकसर नाखून कुतरते देखा जा सकता है।

पेट के बल सोना भी अधिकतर लोगों की पसंद है। ये प्रैक्टिकल होते हैं, अपने आज को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं पर कल की चिंता में अपना समय बर्बाद नहीं करते शक्की प्रवृत्ति के अलावा ये बात-बात पर सोच-विचार करते हैं। कोई भी काम मनमाफ़िक़ न होने पर आंसू तक निकाल देंगे। इसके बावजूद ये पूरी तरह टूटते नहीं और ज़िंदगी का पूरा लुत्फ़ उठाते हैं। यार-दोस्तों के साथ मज़े करते हुए भी अपनी गोपनीयता बनाए रखते हैं।

अब बारी है दंपतियों के सोने की मुद्राओं की! कई दंपति ऐसे हैं जो एक ही बिस्तर पर होने के बावजूद एक दूसरे से अलग हटकर सोना पसंद करते हैं। ये अगर अलग बिस्तर पर भी सोएं तो भी इन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। ज़ाहिर है कि इनमें शारीरिक आकर्षण का कोई महत्त्व नहीं होता। इनके दिमाग़ में तनाव तथा परेशानियां भरी रहती हैं जिनमें से ज़्यादातर ये खुद ही खड़ी करते हैं। इन्हें अपने जीवन साथी को पूरा महत्त्व देते हुए वैवाहिक संबंधों में मिठास घोलने की कोशिश करनी चाहिए।

शादी के कई सालों बाद भी आप अपने जीवन साथी के साथ आमने-सामने गलबहियां डाले सोते हैं तो आप रोमांटिक होने के साथ ही एक-दूसरे को समझने की कोशिश में हैं। इसी तरह करवट लेकर जीवनसाथी को बांहों में लिए सोने वाले लोग अपने पार्टनर को हर प्रकार की पूरी स्वतंत्रता देते हैं। ये मानसिक रूप से एक दूसरे के बेहद नज़दीक होते हैं। इनके विचारों में पूरा तालमेल है जोकि सुखी गृहस्थी की पहली शर्त है।

कुछ दंपति एक साथ सोने पर भी एक-दूसरे से पीठ करके सोते हैं। ऐसा नहीं कि इनमें कुछ खटपट रहती हो बल्कि इनमें आपसी प्यार काफ़ी गहरा होता है। ये एक-दूसरे की भावनाओं का पूरा ख़्याल रखते हैं। सेक्स की भावना भी मर्यादित रहती है यानी पीठ करके सोने में भी एक-दूसरे का स्पर्श इन्हें मदहोश कर देता है।   

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