-लीना कपूर

यदि आप मां बनने वाली हैं और आपके गर्भ में 28 हफ़्तों का शिशु है तो जान लीजिए कि आपके क्रिया-कलापों और सोच-विचार का उस पर गहरा असर पड़ता है।

चिकित्सक शोधों से सिद्ध हो चुका है कि 28 हफ़्तों का गर्भस्थ शिशु अपनी मां की आवाज़ ही नहीं अन्य ऐसी ध्वनियों को भी पहचान जाता है। जो उसे बार-बार सुनने के मिलती हों। जानी पहचानी आवाज़ सुनते ही वह सिर को घुमाने की क्रिया करता है।

इस ध्वनि तक गर्भस्थ शिशु के सेंट्रल नर्वस सिस्टम का संक्षिप्त विकास हो चुका होता है। यदि डॉक्टर ने शिशु के आस-पास का द्रव्य जांचने के लिए सुई लगाई हो और उस सुई ने शिशु को छू लिया हो तो वह तड़प उठता है।

यह शिशु ठंडे पानी से चिढ़ता है। यदि मां कोई ठंडा तरल पदार्थ लेती है तो जनाब कुढ़कर लातें चलाने लगते हैं। इन्हें अपने पिता की रौबीली आवाज़ या चीख-चिल्लाहट भी नहीं भाती।

यदि मां सिगरेट पीने की इच्छा ज़ाहिर करे तो यह उसके शरीर में उत्पन्न हारमोन्ज़ के प्रभावों को पहचान कर घबरा जाता है। यदि मां धूम्रपान करती है तो उसके शरीर में ऐंठन होने लगती है। मां के धूप में बैठने पर गर्भस्थ शिशु रौशनी भांपकर खुश हो जाता है। हां, इसे ज़्यादा रौशनी पसंद नहीं। इस स्थिति में वह रौशनी से दूर हटने की कोशिश करता है।

हफ़्तों के शिशु को गर्भस्थ में ही मीठा स्वाद अच्छा लगने लगता है वह कड़वे स्वाद के प्रति अनमना जाता है। इस शिशु को मद्धम संगीत भी प्रिय लगता है। पर तेज़ आवाज़ का संगीत सुनकर ये काफ़ी ग़ुस्सा जाता है। यह शिशु संगीत को ही नहीं शब्दों को भी याद रख सकता है।

हफ़्तों की उम्र से ही अजन्मा शिशु गुदगुदी महसूस करने लगता है। सिर के आसपास गुदगुदी करने पर वह ख़ासतौर पर आनंदित होता है। और यह भी सच है कि 28 हफ़्तों के गर्भस्थ शिशु के चेहरे पर खुशी, उदासी, नाराज़गी या चिढ़ के भाव स्पष्टता से प्रकट होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*