-सुमन कुमारी

किसी व्यक्ति की शख़्सियत से उसके व्यवहार का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। आमतौर पर रोज़ाना के कामकाज में अच्छी बातचीत का ढंग भी महत्त्व रखता है पर कई व्यक्ति काम करते समय एक स्थान पर टिक कर नहीं बैठते जो देखने में बहुत बुरा लगता है।

ऑफ़िस में पूरे आत्मविश्वास से बैठकर ही बात करनी चाहिए। अक्सर देखा जाता है कि ऑफ़िस में बात करने पर हिचकिचाहट महसूस की जाती है। अपनी बात आराम से बैठ कर करनी चाहिए। बात सुनने वाला भी ध्यान से सुनेगा। यदि बात करते समय व्यक्ति हिलता रहे तो यह शिष्टाचार नहीं।

ऑफ़िस में काम करते समय बैठने का ढंग अच्छा होना चाहिए। वस्तुओं को खींचना जिससे शोर उत्पन्न हो, शांत वातावरण में अनुचित लगता है। दूसरों की बात सुनने के बाद अपना पक्ष कहना चाहिए। बातचीत करते समय हाथ पैर हिलाना उचित नहीं। यदि शख़्सियत का प्रभाव लोगों पर छोड़ना चाहते हैं तो सबसे अहम है व्यवहार में बदलाव।

1. ऑफ़िस में सबके साथ मित्रतापूर्वक संबंध रखना।

2. जिस व्यक्ति से कोई वस्तु लो, वापिस करते समय धन्यवाद करो।

3. काम करते समय कुर्सी पर सीधे बैठना चाहिए। टेढ़े होकर बैठना या पूरे आराम की स्थिति में बैठना अनुचित है।

4. किसी को काम करते समय देखो तो उससे बातचीत शुरू करने से पहले इजाज़त लेना ज़रूरी है।

5. बातचीत करते समय किसी वस्तु को हाथ में लेकर हिलाना या उसको फेंकना उचित नहीं।

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