कल मुरझाने वाली कलियां हंस कर कहती हैं मग्न रहो, बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो
Read More »September 15, 2014 1 Comment
कल मुरझाने वाली कलियां हंस कर कहती हैं मग्न रहो, बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो
Read More »