डॉ. फकीरचंद शुकला

गाड़ी रुकी नहीं

आख़िरकार न न करते हुए राजेेेश इस बार आशा तथा बच्चों को शिमला घुमाने के लिए मान गया था। पिछले वर्ष भी प्रोग्राम बना था लेकिन ऐन वक़्त पर राजेश को कार्यालय के नाम से बंगलौर जाना पड़ा था और बना बनाया प्रोग्राम स्थगित करना पड़ा था। लेकिन इस बार बच्चों के स्कूल में ग्रीष्मावकाश होने से पहले ही बच्चों ...

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