दलबीर चेतन

बहता पानी

समाज का बहुत बड़ा हिस्सा इस तरह के मॉडल की प्रतीक्षा में होता है, और ऐसे आदर्श को वह अपने इष्ट के बराबर मानने को तैयार भी हो सकता हैं, पर ऐसा मॉडल उनको कोई दिखाई देता ही नहीं और वो दुःखी होकर प्रचलित रिवायत पर ज़िंदगी जीने के इन्कारी हो जाते हैं।

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तलाश का सफ़र

 -दलबीर चेतन चारों तरफ़ शोक-सा बना हुआ था कि श्रद्धामठ डेरे के स्वामी प्रकाश नंद नहीं रहे। ख़बर सुनते ही श्रद्धालु एक ख़ास तरह के मानसिक संताप में ग्रस्त हो गए। वह उनके साथ, उनकी शख़्सियत के साथ, उनके प्रवचनों के साथ श्रद्धा की पूर्णतः तक जुड़े हुए थे वे उनकी मृत्यु की ख़बर सुन कर स्तब्ध हो गए। इस ...

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खारा बादल

खुशख़बरी सुनते ही डॉक्टर दीपा ने सोचा कि डॉक्टर स्वराज को फ़ोन किया जाए, “अस्पताल जल्दी पहुंचो, तुम्हारे साथ एक बहुत बड़ी खुशी बांटनी है।” उसे पता था, वह आगे से कहेगा, “खुशियां तो होती ही बांटने के लिए हैं, पर थोड़ा सा पता तो लगे?” “बस तुम जल्दी आ जाओ, यह खुशी मिल कर ही बताई जा सकती है।” ...

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बहता पानी

“इस बार का जन्म दिन हम पाली के साथ नहीं किसी अन्य के साथ मिलकर मनायेंगे।” मनिन्दर मुझसे कह रही है। मैं हैरानी के साथ उसके चेहरे की तरफ़ देखता हुआ सोचता हूं कि यह त्रिकोण की चौथी कोण कौन हो सकता है? “बस यह तुम्हारे लिए सरप्राइज़ होगा- तुम पैसों वाले तोहफ़े पसंद नहीं न करते, इसलिए मैंने सब से ...

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जीरांद

मुझे बहुत खुशी है कि तुम इस राह पर नहीं चले और कभी चलना भी न। यही बहादुरी है। कई बार ऐसी घटनाओं के बाद आदमी तनावग्रस्त होकर अपने मार्ग से विचलित हो जाता है और भटका हुआ आदमी चाहे बाहरी रूप में सही सलामत नज़र आए, पर वास्तव में होता नहीं।

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परिक्रमा

“रवि, तुम्हारा जो भी मेरे पास था मैं गंवाना नहीं चाहती थी, अब तुम सब नये सिरे से भी तो बना सकते हो।”

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तकिया क़लाम

                                                                                                                        ...

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दावेदार

ज्‍वाला सिंह ने अपने घर और ज़मीन-जायदाद का बंटवारा अपने जीवन काल में कर देना उचित समझा। उसको जीवनपर्यन्त उन व्यक्‍तियों पर गुस्सा आता रहा जिन्होंने अपने ये फ़र्ज़ समझदारी के साथ नहीं निभाये थे और उनके आंखे मूंदते ही घर का सारा माहौल, सारा दस्तूर ही आंखें मूंद लेता था। घरों में बंटवारे से क्लेश, लड़ाई-झगड़े शुरू हो जाते ...

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बहता पानी

यदि भगवान् हमारा महबूब है तो महबूब से डरना प्यार नहीं। वास्तव में डराने वाली कोई ऐजंसी भगवान् और मनुष्य के बीच में विचरन कर रही है।

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