खुजराहो के किसी मंदिर की भित्ति से चुरा कर एक ऋषि ने मंत्र-सिद्ध कर तुम्हें साकार कर दिया मेरे लिए
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औरत
बिख़र गई हूं पंक्ति बन कर मैं। अपने-अपने दृष्टिकोण पर, सबने परखा मुझको। मनचाहा अर्थ लगाया मेरा। कौन समझा सही अर्थ को ?
Read More »अपराधी छवि वालों के लिए शुभ अवसर
अपने अपराधों से मत शरमाइए। आइए, आइए, आइए, अपने अपराधों के आधार पर हमारी पार्टी के थ्रू राजनीति में अपनी आदरणीय जगह बनाइए।
Read More »थोड़ी ही देर सही
थोड़ी ही देर सही मौसम खुशगवार हुआ तो था। थोड़ी ही देर सही तुझको प्यार हुआ तो था। कहां गया वह पौधा जिसे लगाने पर बूटा-बूटा चमन का
Read More »“मैंने भगवान् बदल लिया है”
"कहां जाऊं किसके सहारे जीऊं।"राघव ने उत्तर दिया, "क्यूं खूबसूरत हो जवान हो व्यवसायी हो बीसियों हाथ थामने वाले मिल जायेंगे।"
Read More »आस्था में सेंध
पंडित ने कहा था यजमान आपके भाग्य का सितारा चमकने वाला है कुछ ही देर के बाद आपकी अपनी कोठी होगी और आपके पास अमुल्य धन सम्पदा होगी।
Read More »दाग अच्छे हैं और दाग़ी उससे भी अच्छे
चोर चोर तो फिर भी मौसेरे भाई होते हैं, पर दाग़ी दाग़ी सगेरे भाई होते हैं। लोकतंत्र की ख़ास बात यह होती है कि यहां संख्या का गणित चलता है
Read More »शास्त्र और शस्त्र विद्या अनिवार्य नारी के लिए
उसे किसी वेद-पुराण या उपनिषदों में पारंगत बनाना नहीं है अपितु हमने जिस शास्त्र से उसे जोड़ना है वह है सत्यम्-शिवम् और सुन्दरम्।
Read More »बाबरी मस्जिद या मन्दिर राम का
बाबरी मस्जिद या मन्दिर राम का। पेट खाली के लिए किस काम का।। पी रहे जो खून मुफ़लिस का यहां।
Read More »लिख दो
तुम्हारे नाम लिख दिए हैं वे खूबसूरत नज़ारे भी जो अभी देखने बाक़ी हैं उन फूलों की खुशबू भी जो अभी खिलने बाक़ी हैं उन झरनों की झंकार भी
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