-बिन्दिया

आज फ़ैशन की बढ़ती लोकप्रियता के चलते फ़ैशन उद्योग ने अपने कैरियर के प्रति उत्साही और जागरूक उन युवाओं के लिए, जो अपनी कल्पनाओं को साकार रूप देने के लिए एक ठोस धरातल की तलाश कर रहे हैं, सफलता एवं व्यवसाय के लिए नए क्षेत्र प्रस्तुत किए हैं।

इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए और अपना एक अलग मुक़ाम स्थापित करने के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि आप में उच्च शैक्षणिक योग्यता ही हो। साधारण शिक्षा भी आपको अपना एक अलग स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। ज़रूरी यह है कि आपमें सूझबूझ हो और किसी भी विषय को समझने के लिए गहरी समझ हो और परिवेश तथा अपनी संस्कृति की विशेष जानकारी हो।

यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि यदि व्यक्ति अपने लिए कोई कैरियर चुनता है तो यह उसका व्यक्तिगत निर्णय होना चाहिए लेकिन किसी भी क्षेत्र में अपनी पैठ जमाने के लिए अच्छी तरह सोचना-विचारना चाहिए। किसी भी कैरियर को अपनाने या चुनने से पूर्व कुछ पहलुओं पर अवश्य ध्यान देना चाहिये, जैसे

  1. भौगोलिक स्थिति

  2. पारिवारिक स्थिति

  3. धन

  4. दबाव

  5. कार्य करने के घंटे

  6. स्वयं की रुचि

  7. मानसिक क्षमता

ये बातें किसी भी कैरियर को चुनने से पहले समझनी बहुत ज़रूरी होती हैं क्योंकि सफलता यूं ही नहीं मिल जाती। विभिन्न क्षेत्रों में चोटी या शीर्षस्थ व्यक्तियों का यदि इतिहास देखा जाए तो ये ही बातें सामने आएंगी।

ये तो थीं किसी भी कैरियर को अपनाने से पूर्व की गई ठोस बातें। अब हम मुख्य बिंदु “फ़ैशन डिज़ाइनिंग” की ओर आते हैं। अन्य क्षेत्रों में तो ऊपर लिखी सात बातें आवश्यक होती हैं लेकिन फ़ैशन के इस कैरियर में एक महत्वपूर्ण बात यह भी ज़रूरी है कि आपमें तुरंत सूझबूझ व कल्पना शक्ति की क्षमता अवश्य होनी चाहिए। तभी आप यहां मुक़म्मल स्थान पा सकते हैं।

“फ़ैशन डिज़ाइनिंग” में आगे बढ़ने की पहली सीढ़ी यह है कि यदि बचपन से ही आपने इस शौक़ को बतौर अपना कैरियर बनाने की ठानी है तो आप स्वयं को उच्च कोटि का रचनात्मक, क्षमतावान और उत्पादन पद्धतियों की तकनीक को समझने योग्य बनाएं। फ़ैशन जागरूकता, रंग व आकार का ज्ञान भी अपने आप में विकसित करें।

आपको चाहिए कि विद्यालय स्तर से ही रेखाचित्र बनाने और नक़्शा तथा ख़ाका तैयार करने का अभ्यास करें। इस क्षेत्र में विशेष रुझान वाले युवा वर्ग को चाहिए कि वे प्रतिदिन अपने आस-पास के लोगों व उनकी सोच व रुचि को ध्यान से देखें, समझें। उनके चित्र बनाएं और विभिन्न लोगों पर विभिन्न तरह की पोशाकों को यथार्थ चित्रांकन दें।

इस प्रकार धीरे-धीरे व्यक्ति को अपने कला कौशल में एक नवीन विकास व सुधार का अनुभव होता चला जाएगा। बाद में वह संप्रेषण कला में भी पारंगत होने का भरपूर प्रयास करता है जिससे आगे जाकर ग्राहक की पसंद, नापसंद को समझा जा सके। एक कुशल फ़ैशन डिज़ाइनर के लिए संप्रेषण कला में दक्ष होना बहुत ज़रूरी है।

जब तक आप अपने तौर से यानी सतही तौर पर “फ़ैशन” को रेखांकित करना या इसे समझ कर थोड़ा-बहुत सीख जाते हैं तब अगला क़दम होता है कि आप विधिवत् रूप से किसी संस्था से प्रशिक्षण लें ताकि आपकी कल्पनाओं और सोचों को एक विशाल, ठोस धरातल मिल जाए।

यदि आप केवल फ़ैशन में ही अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो अन्य तरफ़ से ध्यान हटाकर अपना ध्यान “अर्जुन के लक्ष्य” के समान एक पर ही रखें। जब फ़ैशन डिज़ाइनिंग कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा तथा पैनल साक्षात्कार का आयोजन किया जाता है तो इसमें उम्मीदवार के व्यक्तित्व और उसकी तार्किक शक्ति का मुख्य रूप से मूल्यांकन किया जाता है।

यदि आप साक्षात्कार में खरे उतर जाते हैं तो समझना चाहिए कि आधा मैदान तो आप जीत ही गए, लेकिन केवल यहीं आप पूर्ण संतुष्ट न हो जाएं क्योंकि इसी के बाद तो आपकी बौद्धिक क्षमता का निर्णय होगा यानि कोर्स और कक्षाओं की शुरुआत होगी जिसमें आपको स्केचिंग, ड्रेपिंग, एनीमेशन, फ़ैशन ग्राफिक्स, फ़ैशन मल्टीमीडिया, आर्ट एंड इलस्ट्रेशन व मर्चेन्डाइज़िंग आदि का अध्ययन करना होगा। कोर्स समाप्त करने के पश्चात् आप गारमेंट प्रोडक्शन में पारंगत हो जाएंगे। अब आप अपनी रचनात्मक सोच को काग़ज़ पर स्कैच करेंगे। फिर इसे ड्राइंग में ढाला जाएगा। इस ड्राइंग को फ्लैट पैटर्न पर रखकर बड़ी ही सावधानी से काटा जाएगा। इसी आधार पर आपका गारमेंट नमूना तैयार होगा।

अब आपके द्वारा तैयार किया गया नमूना ख़रीदारों को प्रदर्शन हेतु तैयार है। आपने प्रारंभ में जो संप्रश्रय व योग्यता स्वयं में पैदा की थी, उसे अब देखा जाएगा कि किस प्रकार आप ग्राहक को अपने अनुरूप ढालते हैं।

ग्राहक द्वारा निर्धारित तारीख़ व समय का अनुपालन करना एवं खींचातानी प्रतियोगिता के इस दौर में अपना आत्मविश्वास बनाए रखना, सबसे अहम् सिद्धांत साबित होगा।

इस प्रकार आप फ़ैशन स्नातक हो जाएंगे और कोई भी प्रतिष्ठित डिज़ाइनर प्रशिक्षु के तौर पर आपको नियुक्त कर लेगा या कोई भी गारमेंट निर्माता आपको नौकरी की पेशकश कर चुका होगा।

अब आपका प्रशिक्षण व अभ्यास दौर तो समाप्त हो गया किंतु यदि आप किसी के सान्निध्य में रहकर अपना बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स करना होगा ताकि आप के तरीक़ों व कार्यविधि में और भी अधिक नफ़ासत आए।

अब तक के लिए अभ्यास व प्रयासों को परखने के लिए अब एक कठिन परीक्षा का दौर प्रारंभ होता है कि किस प्रकार आप स्वयं को एक मंझे हुए बिज़नेसमैन/वुमैन के रूप में स्थापित करते हैं।

स्वयं को अलग से स्थापित करने के लिए सबसे पहले यह ज़रूरी होगा कि आए दिन बदलते फ़ैशन पर अपनी निगाह व पकड़ मज़बूत बनाए रखें ताकि कस्टमर की अचानक की गयी फ़रमाइश पर आप उसे वही सब कुछ दे सकें जो चलते फ़ैशन के अनुसार ग्राहक की मांग हो।

आज अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी फ़ैशन ने अपनी जगह ढूंढ़ ली है। आए दिन जो यह पढ़ा जाता है कि अमुक डिज़ाइनर इतना कमा लेता है या उसकी बनाई गयी महंगी पोशाकें भी अति लोकप्रिय हैं तो ऐसा बनना डिज़ाइनर की कला कौशलता ही है और यूं ही कोई अंतर्राष्ट्रीय स्तर का डिज़ाइनर नहीं बन जाता। इस सबके लिए दिन रात का कठिन परिश्रम बहुत मायने रखता है। अतः विशेष रूप से हमारी आगे आने वाली युवा पीढ़ी को यह चाहिए कि इस क्षेत्र में वह सबसे पहले हमारी भारतीय सभ्यता व संस्कृति का गहन अध्ययन करें ताकि आगे चलकर अपनी कल्पनाओं को साकार रूप दे सके।

बड़े शहरों में तो प्रायः फ़ैशन से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध हो जाती हैं किंतु क़स्बों व गांव में रहने वाले इन जानकारियों से वंचित रहते हैं। अतः उन्हें चाहिए कि अपनी मंज़िल यदि वे प्राप्त करना चाहते हैं तो अख़बारों व पुस्तकों का गहन अध्ययन करें ताकि वे संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर आगे बढ़ सकें।

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