मीडिया, विज्ञापन

फ़िल्मी सितारों की ज़िन्दगी में ताक झांक

-सिमरन यूं तो मनोरंजन मीडिया का अहम हिस्सा है इस में कोई दो राय नहीं। लेकिन आज बाज़ारवाद के युग में मनोरंजन सर्वोपरि हो गया है। आज तो हर चीज़ पेश करते समय प्रतिस्पर्द्धा को ध्यान में रखा जाता है। जैसे ही न्यूज़ चैनल्ज़ का ज़माना आया समाचारों का रूप ही बदल गया। हर समाचार को मनोरंजक तरीक़े से पेश ...

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सौंदर्य प्रसाधन और विज्ञापनों का मायाजाल

        एक बार किसी अमेरिकी से पूछा गया कि आप सौंदर्य किसे कहेंगे तो तुरंत जवाब मिला कि सौंदर्य वह चीज़ है जिस पर केवल अमेरिकी कंपनियां करोड़ों डॉलर की पूंजी लगा कर व्यवसाय कर रही हैं और प्रत्येक वर्ष लाखों डॉलर का व्यापार करती हैं। हमारी पुरानी मान्यताओं को इससे गहरा सदमा पहुंचेगा क्योंकि हमारे कवियों ...

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विज्ञापन और नारी

   -पवन चौहान औद्योगिक क्रांति के कारण जैसे-जैसे एक ही वस्तु के विभिन्न रूपों का उत्पादन होने लगा और उपभोग के लिए नई-नई वस्तुएं पैदा की जाने लगीं वैसे-वैसे विज्ञापन का महत्त्व बढ़ता चला गया। उत्पादक के लिए यह ज़रूरी हो गया कि वह अपनी वस्तुओं की जानकारी उपभोगताओं तक पहुंचाए। इसका एकमात्र माध्यम विज्ञापन ही था। आरम्भ में विज्ञापन ...

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विज्ञापन कला की लेखन प्रकृति

काश! विज्ञापन का लेखन इतनी तेज़ सृष्‍टि कर सके। कोशिश कर रहा है। पर इससे सस्ता तरीक़ा पूंजी के पास है- बारंबार दिखाओ, बार-बार बताओ, बार-बार उसी इच्छा को उकसाओ।

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नेबर्स एनवी, ऑनर्स प्राईड’ के चक्रव्यूह में फंसा उपभोक्‍ता

मगर वक़्त और दुनिया के साथ चलने वाला, उपभोक्‍ता भेड़चाल में शामिल हो सिर्फ़ प्रचारित ब्राण्ड महंगा होने के बावजूद ख़रीदेगा। क्योंकि विज्ञापन द्वारा उसका माईण्ड ब्राण्ड माइन्डिड हो जाता है।

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