छोटी कविता एक था रावण तुम थी सानिध्य साज़िशें काश उस सफ़र पर एहसास पोटली गांव मुझे पहचानता नहीं आसमां पर पांव हम धरते रहे बाकी सवाल पुनर्स्थापना सुबह की बेवफ़ाई जोंक थोड़ी ही देर सही पानी से मत बहो आवाज़ रात भर चांद के मुक़ाबिल रात की मुंडेरों पे दीप यूं जगें सूरज की तलाश उसकी आंखें वो कौन थी तुम्हारी गंध रुख़सत कब तक एक अक्स तसवीर किसी को उदास देखकर सिंदूरी हो गए गाल होली का गीत चुनाव के बाद नव वर्ष मुबारक नये साल की ग़ज़ल समीक्षा शुभ दीपावली दीवाली चिमटा नये ज़माने के लोग नेता जी पूजा क्या है? ज्वलंत प्रश्न नई रीत पहचान औरत बचपन पेट क्योंकि चाहत चिड़ियां-कुड़ियां बताओगे क्या? क़लम की अभिलाषा सुपर तकनीक मासूम नज़रें चौराहा पति की चुस्की लड़की औरत सोच जाने से पहले 2019-07-04 admin