-डॉ. सन्त कुमार टण्डन
लड़कियां अकसर मजनूं नुमा लड़कों से परेशान रहती हैं। वे पीछे पड़े रहते हैं। पिण्ड नहीं छोड़ते। क्या आपकी ज़िंदगी में भी कोई ऐसा है जिससे आप सच में छुटकारा चाहती हैं। पहले यह अच्छी तरह जान लें कि आपके मन में क्या है। तो लें, कुछ तरीक़े बताता हूं, उनकी छुट्टी करने के-
• कमिटमेंट न करें। करें तो तोड़ दें। मिलने, कहीं जाने का प्रोग्राम बनाएं तो समय से कुछ पहले फ़ोन से कैंसिल कर दें और सॉरी भी न बोलें।
• उसके उपहारों को न-पसंद कर दें, न लें, कहें दूसरे को दे दो।
• ज़्यादा हंसी मज़ाक न करें, दिलचस्पी ज़ाहिर न करें। साथ रहें तो उदासी का मूड रखें। तबियत ठीक नहीं, ऐसा बोल दें। चुप रहें, कम से कम बोलें।
• कभी-कभी उसे चक्कर में डालें, नचाएं, परेशान करें। दौड़ाएं, कभी अपने ढेरों काम सौंप दें। उसकी जेब ख़ाली होने दें। उसे बढ़ कर बिलों का भुगतान करने दें। अपना पर्स खोलने का नाटक भी न करें।
• कभी परचेज़िंग में साथ हो तो अपने सामान का भार भी लाद दें।
• अपने भाई-बहनों, मां वग़ैरह के लिए भी फ़रमाइशें पेश करती रहें और ख़र्च कराती रहें।
• प्रेम प्रदर्शन कभी न करें – मज़ाक, हाथ थामना, आंखों में झांकना बंद करें।
• याद भी हो तो उसका जन्मदिन भूल जाएं, कभी कोई बधाई-कार्ड न भेजें, चाहे प्रेम दिवस हो या मित्रता दिवस, बेरुखी रखें। मिस काल आए तो काल बैक न करें।
• जब वह खाने का कोई आइटम प्रपोज़ करे तो आप दूसरा आइटम कहें।
• उसके साथ पिक्चर न जाएं, जाएं भी तो अपने मन की करें और भाइयों को भी साथ लें जाएं या मम्मी को।
• जब वह शादी-वादी की बात करे तो कहें क्या फिज़ूल की बात है या मना कर दें।
• कभी वह अपने लिए पूछे – कैसा लग रहा हूं – तो मुंह बना लें या कहें – ठीक ही हो।
• उसकी बातें काटने या विरोध करने में संकोच न करें। दृढ़ता का परिचय दें।
इस तरह आप देखेंगी कि वह टूटता – दूर खिंचता चला जा रहा है। सोच लेगा – नो चांस। वह दूसरी लैला तलाशने लगेगा। आपका पिण्ड शीघ्र छूट जाएगा। आप लें सकेंगी चैन की सांस, सुख की नींद, आराम की ज़िन्दगी।