Author Archives: rakhi

मुखौटा आधुनिकता का

आज हम इतने आधुनिक हो गए हैं कि टॉपलेस और स्कर्ट पहन रहे हैं, पॉप सुनने लगे हैं, उन्मुक्त प्रेम सम्बन्धों को समाज मूक स्वीकृति देने लगा है। आज आधुनिकता का अभिप्राय यही है।

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दुल्हन बनी मां

आपको अपने बारे में सोचना चाहिये। बुढ़ापे में पति-पत्नी एक दूसरे का सहारा होते हैं। बीमार होने की स्थिति में एक-दूसरे से बेपर्दा सिर्फ़ आपस में ही हो सकते हैं।

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 अजीब दासंता प्रेम की

डेटन नाम का युवक हर हाल में उसे पाना चाहता था इसलिए उसने तय किया कि वह अपने प्रेम को साबित करेगा और स्वयं को आर्नले के बराबर खड़ा कर देगा।

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गहने पहनना उपयोगी या अनुपयोगी

गहनों से सुन्दरता नहीं बढ़ती सिर्फ़ अपनी अमीरी दर्शाने का तरीक़ा है। सुन्दरता तो प्रकृति प्रदत्त होती है। सुन्दरता को आभूषणों की ज़रूरत नहीं होती।

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जीवन का आधार खेलें

आन्तरिक पवित्रता के लिये शुद्ध आचरण तथा अन्तर्ध्यान द्वारा परम सत्ता से जुड़ाव रखना होगा। बाहरी सुन्दरता के लिये शरीर का हृष्ट-पुष्ट और निरोग रहना अति अनिवार्य है।

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