यदि पर्यावरण की उपेक्षा यूं ही जारी रही तो एक दिन ऐसा आयेगा जब पहाड़ वासियों को गर्मी से निजात पाने के लिए दिल्ली की ओर कूच करना पड़ेगा। सोचिए क्या मौसम का ऐसा वीभत्स रूप हमें स्वीकार्य होगा?
Read More »Uncategorized
बच्चों के कपड़े कैसे हों?
ख़रीदारी करते समय अक्सर लोग इस बात को अनदेखा कर देते हैं कि क्या ये पोशाकें सुरक्षित हैं भी या नहीं? छोटे बच्चों के लिए तो इस बात पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है। छोटे बच्चे अक्सर मुंह में कपड़ा डालते हैं।
Read More »अजन्मी बच्ची
नाम? अनाम उम्र? तीन मास तीस साल? नहीं तीन माह कद?
Read More »सरहद का दर्द
कितना बदनसीब है वह ज़मीन का टुकड़ा जिसे सरहद का नाम मिला गिर रही हर रोज़ बेशुमार लाशें उन लाशों को गिनने का काम मिला
Read More »सुविधाशुल्क चालीसा
ऐसे शब्दों को अब अपने शब्दकोष से बाहर फेंक दिया जाए। इन्हीं शब्दों का पर्यायवाची लेकिन मर्यादित और सुसभ्य शब्द सुविधाशुल्क (रिश्वत, घूस) आजकल प्रचलन में है।
Read More »कुछ ऐसा भी होता है
कुछ ऐसे मंदिर होते हैं जहां घंटियों के नाद नदारद और नदारद दीप प्रज्वलित भक्तों की जहां भीड़ नहीं पर ईश्वर हैं वहां स्थापित एकाकी में पूजे जाते हैं कुछ ऐसे मंदिर होते हैं
Read More »गीत
राहें मुहब्बत भी कैसा सफ़र है दूर है मंज़िल बहकी डगर है क़ुदरत ने पहले हमको मिलाया क़िस्मत ने ऐसा खेल खिलाया अपना पता है न तेरी ख़बर है राहें मुहब्बत भी कैसा सफ़र है
Read More »बचपन यह प्यारा किधर जा रहा है
जागती आंखों में सदैव स्वप्न पला करते हैं। बालपन किसी भी समाज की नींव रहा है आज के दौर का अवलोकन करें तो बुद्धि विस्मित रह जाती है कि यह सब क्या हो रहा है।
Read More »सर्द हवाओं से बालों का बचाव करें
सर्दियां आ चुकी हैं और सर्द हवा से ठिठुरती आपकी त्वचा, फटे होंठ, सर्द लाल नाक, रूखे बाल आपको अच्छी-ख़ासी परेशानी में डाल देते हैं।यही समय है बालों के प्रति अतिरिक्त सावधानी बरतने का।
Read More »चाहत में शिद्दत हो तो
मेरी आंखों में सजा कर ख़्वाब गुम हो जाते हो। मुझे अंधेरी रात को पहलू में रौशनी ढूंढ़ने को छोड़ जाते हो
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