-सुमन यादव

बचाओ, बचाओ की गूंज सुनाई पड़ रही थी। एक युवक खून से लथपथ था। चन्द जनों ने उसे उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। एक सज्जन ने पुलिस अधिकारी को फ़ोन पर दुर्घटना की जानकारी क्या दी कि अधिकारी ने कड़क कर कहा- ‘ठीक है, ठीक है। तुम उसे अस्पताल पहुंचा दो। अभी मैं पार्टी में हूं। दो घंटों में पहुंच जाऊंगा।’

“सर, लेकिन वो मर गया तो।”

“तो कौन सी आबादी घटेगी। इतना कहकर अधिकारी ने फ़ोन काट दिया। अस्पताल में युवक ने दम तोड़ दिया।”

दो घंटे बाद जब अधिकारी अस्पताल पहुंचा तो युवक का शव देख अवाक् रह गया। अपने इकलौते पुत्र की मौत पर अधिकारी घंटों आंसू बहाता रहा।

उस दिन पश्चात् जब भी उस अधिकारी को दुर्घटना का पता चलता तो दौड़कर पहले पहुंचता। पूरी सहायता करता और कहता किसी घर का चिराग़ न बुझने पाए।

One comment

  1. Nice nd meaningful story

Leave a Reply to Krishan Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*