-धर्मपाल साहिल (प्रिंसीपल)

एक तरफ़ शिवालिक की रमणीक पहाड़ियां और दूसरी ओर कल कल बहता ब्यास दरिया। बीचों-बीच विभाजन रेखा सी खींचता जाता जालन्धर-पठानकोट राष्ट्रीय मार्ग। जालन्धर से 62 किलोमीटर की दूरी पर जी. टी. रोड के दोनों तरफ़ बसी पंजाब के जिला होशियारपुर की तहसील दसूहा। यहां से केवल 59 कि. मी. के फासले पर बसा है प्रसिद्ध शहर- पठानकोट।

किवदन्तियों के अनुसार निकटवर्ती देशों-प्रदेशों से नित्य अाते हमलावरों के आक्रमणों से दसियों बार उजड़ने और दसियों बार बसने के कारण इस क्षेत्र का नाम दसूहा पड़ गया। दूसरी ओर दसूहा का संबंध महाभारत काल में यहां स्थापित राजा विराट के राज्य से भी जुड़ता है। पौराणिक ग्रन्थों, प्राचीन खण्डहरों और अवशेषों व धार्मिक स्थानों से जुड़ी कथाओं का विवरण उपरोक्‍त कथन की पुष्‍टि करता है।

 

दसूहा जो कभी राजा विराट की नगरी से विख्यात था। दसूहा-होशियारपुर मार्ग पर स्थित विशाल पांडव सरोवर तथा दसूहा के बीचों-बीच ऊंचे स्थान पर महलों के खण्‍डहर इस तथ्य के पुख्ता प्रमाण माने जाते हैं। महाभारत ग्रंथ में दर्ज विवरणानुसार अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव छदमवेश में राजा विराट के महल में अलग-अलग कार्यों में रत रहे थे। कथानुसार युधिष्‍टर शतरंज तथा चौपड़ में राजा का साथ देते थे। अर्जुन बृहभला के रूप में राज कन्या को नृत्य व संगीत सिखाने, भीम रसोइये के रूप में, नकुल व सहदेव ने राजा के अस्तबल व अन्य पालतू पशुओं की चाकरी सम्भाली हुई थी। कुन्ती व द्रौपदी भी सेविकाओं के रूप में सेवा कर रही थीं।

दसूहा-हाजीपुर-तलवाड़ा में कुछ धार्मिक स्थान, अज्ञातवास के दौरान पांडवों के विचरने तथा उन के द्वारा की जाती विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना, तपस्या-अराधना की गवाही भरते हैं। दसूहा के निकट गगन जी का टीला, श्री पंडायन मंदिर, हिडिम्‍बा देवी मन्दिर आदि महाभारत काल से ही सम्बंधित बताए जाते हैं। दसूहा क्षेत्र में नीम पहाड़ी कंडी एरिया तथा ब्यास दरिया के किनारे पड़ते दोआब एरिये दोनों की मिली जुली संस्कृति के दर्शन होते हैं।

प्रशासनिक एवं नगर कौंसिल का दर्जा प्राप्‍त दसूहा- 40 चुनाव हल्का माना जाता है। मिथिहासिक, इतिहासिक एवं सामाजिक दृष्टि से दसूहा एक Social Cultural Zone के रूप में जाना जाता है। यह upper-Bari & Bist-Doab Plain के रूप में भी जाना जाता है। दसू‍हा एवं उस से सम्बंधित लगभग 190 गांवों में 2001 की जनगणना के अनुसार हिन्दू , मु‍स्लि‍म, सिक्ख, इसाई आदि धर्मों के लगभग 340494 लोग निवास करते हैं। यहां गांवों में 292068 तथा कस्बे में 48426 व्‍यक्‍ति रहते हैं। दसूहा में सर्वाधिक लिंग अनुपात 935:1000 है। यहां साक्षरता दर 81%- है। 2007 के विधान सभा चुनावों में 66320 पुरुषों तथा 67139 महिला (कुल=135489) मतदाताओं में से 98548 मतदाताओं ने अपने मतों का उपयोग किया था।

यातायात- जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है कि दसूहा, राष्ट्रीय मार्ग जालन्धर-पठानकोट से जुड़ा हुआ है, वहीं यह स्थल जालन्धर-पठानकोट रेलवे लाईन (ब्राडगेज) से भी संबद्ध है। जालन्धर से दसूहा-मुकेरियां तक रेलवे लाईन दूसरे विश्‍वयुद्ध से पूर्व बिछाई गई थी तथा मुकेरियां-पठानकोट रेलवे लाईन को स्वतन्त्रता प्राप्‍ति के बाद जोड़ा गया।

पुरातत्वीय महत्त्व- भारत के पुरातत्‍व विभाग के सर्वेक्षण के अनुसार दसूहा के Gopalan, Mehatpur, jahura, Jkau तथा Tanda Urmur को आर्कियोलॉजिकल मैप पर चिन्हित किया गया है। यहां मोहन जोदड़ों और हड़प्पा कालीन सभ्यता के प्रमाण उपलब्ध हुए हैं।

ऐतिहासिक महत्त्व – युगलकाल में AD 1398-99 में आक्रमणकारी आमिर तैमूर नगरकोट जीतने गया था, लेकिन हिन्दू राजाओं द्वारा कड़ी टक्कर देने के कारण उसे बजवाड़ा-दसूहा से हो कर लौटना पड़ा था।

1557-1560- के दौरान 17 दिसम्बर 1557 को बादशाह अकबर जालन्धर से शिवालिक हिल्ज़ को जाते समय दसूहा में ठहरा था और फिर यहां से नूरपुर के लिए रवाना हुआ था।

1758 में- जस्सा सिंह रामगड़ीया ने दसूहा तहसील के दातारपुर व हाजीपुर को अपने कब्ज़े में ले लिया था।

1817 में- महाराजा रणजीत सिंह ने इस क्षेत्र को अपने अधिकार में ले लिया था तथा उनके पुत्र शेर सिंह की भी दसूहा में ठहर हुई थी।

अंग्रेज काल में- 5 मई 1930 को अंग्रेज़ों द्वारा महात्मा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में दसूहा के म्यानी गांव का स्कूल विरोध स्वरूप बंद किया गया। यहां कांग्रेस पार्किंग कमेटी की रोष एकत्रता भी आयोजित हुई थी।

1915 में- गदर लहर के दौरान दसूहा क्षेत्र के नौजवानों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। दसूहा के फतेहगढ़ गांव के बाबू राम तथा नाना को लाहौर षडयन्त्र केस में मौत की सजा दी गई तथा इसी गांव के फज़लदीन को आजीवन कारावास दिया गया था।

1965 की भारत-पाक जंग में शहीद हुए सफदरपुर के शहीद रछपाल सिंह को वीर चक्र प्रदान किया गया था।

दसूहा क्षेत्र की फसलें- दसूहा कंडी एवं मैदानी दोनों ही क्षेत्रों से सम्बंधित है। जहां कंडी की खेती अधिकतर वर्षा पर निर्भर करती है, वहीं मैदानी को नहरी तथा टयूब्वै‍ल द्वारा सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। यहां मुख्यत: धान, गेहूं, मक्की, ज्वार, बाजरा, जौ, चना, उड़द, मूंग, मसर, सरसों, सूर्यमुखी, मुंगफली, गन्ना, आलू, कपास आदि फसलें पैदा की जाती हैं। लगभग सभी प्रकार की सब्ज़ियों के साथ-साथ किन्नू, मालटा, संतरा, नींबू, आम, लीची, गुआबा, पीअर, पीच, पलम, अंगूर तथा बेर आदि फलों की पैदावार व्यापारिक स्तर पर होती है। इन फलों के बागों से दसूहा क्षेत्र हरियाली से भरा रहता है।

पालतू जानवरों-में दसूहा क्षेत्रवासी गाय, भैंस, भेड़, बकरी, घोड़े, खच्चर, गधे, सुअर और ऊंट आदि जानवर पालते हैं। कंडी क्षेत्र में कहीं-कहीं अभी भी खेती बैल हल द्वारा की जाती है।

लघु उद्योग- दसूहा में मधु मक्खी पालन, मुर्गीपालन, सुअर पालन, डेयरी तथा मत्सय पालन उद्योग भी किया जाता है।

इन्डस्ट्री- इन्डस्ट्री की दृष्टि से दसूहा अधिक विकसित नहीं हो याया है। यहां-
1) Northland Sugar Complex Randhawa (Dasuya)
2) Pepsi Food (P) Ltd. Jahura (Dasuya)
3) Malwa Oil. Industries (P) Ltd. Khokhar (Saidpur Dasuya)
आदि इन्डस्ट्री स्थापित हुई है।

डाक विभाग- दसूहा में एक Head Post Office है जिस की इस क्षेत्र में 22 शाखाएं खोली गई हैं।

नागरिक सुरक्षा हेतु- Sub Division Dasuya के अर्न्तगत 5 Police Station स्थापित किए गये हैं। जिन में Dasuya, Mukerian, Hazipur, Talwara, तथा Tanda मुख्य हैं।

बैंक एवं बीमा सुविधाएं- दसूहा में लगभाग सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा प्राईवेट बैंकों की शाखाएं खुली हुई हैं। जिनमें पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक आॅफ इंडिया, स्टेट बैंक आफ पटियाला, यूनियन बैंक, ओरिएन्टल बैंक आॅफ काॅमर्स, पंजाब एग्रीकल्चर डिवेल्पमेंट बैंक, होशियारपुर सेन्ट्रल कोआॅपरेटिव बैंक, पंजाब ग्रामीण बैंक, नाबार्ड आदि के साथ-साथ HDFC, ICICI, तथा IDBI व AXIS Banks की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। यहां LIC जैसी बीमा कम्‍पनी भी स्थापित है।

स्वास्थ्‍य सुविधाएं- दसूहा में एक सिविल अस्पताल के अति‍रिक्‍त 12 डिस्पेन्‍सरी तथा 19युर्वैदिक डिस्‍पेन्सरी खोली गई हैं। दसूहा में प्राईवेट अस्पतालों की भरमार है। 

शिक्षा क्षेत्र- यहां जुलाई 1971 से जे. सी. डी. ए. वी. काॅलेज दसूहा उच्च शिक्षा प्रदान कर रहा है। गुरू तेग बहादुर खालसा काॅलेज फाॅर वूमैन भी विशेष तौर पर लड़कियों को उच्च शिक्षा प्रदान कर रहें हैं। कस्बे में खालसा सरकारी सीनियर सैंकेन्डरी स्कूल दसूहा जो पहले इस्लामिया पब्लिक स्कूल के नाम से जाना जाता है सहित चार सरकारी स्कूल तथा दर्जनों प्राईवेट शिक्षण संस्थाएं पंजाबी, अंग्रेज़ी, हिन्दी, माध्यम से शिक्षा प्रदान कर रही हैं। दसूहा का प्रत्येक श्रेष्‍ठ सरकारी, प्राईमरी, मिडल, हाई, अथवा सीनियर सैकेन्डरी स्कूल से सम्बन्‍ध है।

धार्मिक स्थान- दसूहा में प्राचीन पांडव सरोवर मन्दिर के अतिरिक्‍त ऐतिहासिक महत्त्व वाले गुरूद्वारा गरना साहिब तथा गुरूद्वारा टक्कर साहिब विशेष मान्‍यता रखते हैं। यहां विशेष दिवसों पर मेले तथा उत्सव आयोजित होते हैं।

विशिष्‍ट व्यक्‍तित्व- दसूहा के गांव बोदल की महान हस्ती एम. एस. रंधावा (IAS) तथा उस के जुड़वां भाई एस. एस. रंधावा (IAS) ने प्रशासनिक सेवा में दसूहा का परचम लहराया है। मौलवी गुलाम रसूल (आलमपुर), जनाब जमालूदीन जमाल, स्व. पं. जगदीश चंद्र (शिक्षा क्षेत्र ) तथा उस्ताद शायर मुजरिम दसूही आदि ने भी कला तथा साहित्य के क्षेत्र में इतिहास रचा है।

समकालीन दौर में- डा.बलदेव बदन (निर्देशक एन. बी. टी. दिल्ली), तथा स.चेतन सिंह (निर्देशक, भाषाविभाग, पंजाब) सुशोभित हैं।

साहित्य क्षेत्र में- 1980 में स्थापित पंजाबी साहित्य सभा (रजि.) दसूहा फाउन्‍डर सचिव मास्टर लाल सिंह के संचालन में सरगर्म है। शहीद पृथ्वी‍पाल सिंह के रंधावा यादगारी सोसायटी भी कुछ समय तक कार्यशील रही है।

दसूहा क्षेत्र की पत्रिकाएं- सांस्कृतिक एवं साहि‍त्यिक गतिविधियों के पलते दसूहा से निम्न पत्रिकाएं प्रभाषित हुई हैं।
1) Dasuya Gazettee (1973) (Bilingual)
2) Virat Sandesh (वार्षिक पत्रिका डी. ए. वी. काॅलेज दसूहा) (हिन्‍दी, पंजाबी, अंग्रेजी)
3) पुलांघ (पंजाबी) (पंजाबी साहित्य सभा दसूहा)
4) सरोपमा (हिन्दी) (सम्पादिक सुश्री सिमरन)
5) सच्ची गल्ल (साप्‍ताहिक पत्र) (स. संजीव डाबर)

 

 

राजनैतिक गतिविधियां- दसूहा विधान सभा सीट पर लम्‍बे समय तक कांग्रेस पार्टी का कब्ज़ा रहा है। स्व. महन्त राम प्रकाश दास, (बी. जे. पी) स्व. गुरबचन सिंह चीमा (कांग्रेस),  स्व. रमेश चन्द्र डोगरा (कांग्रेस), स्व. अमरजीत शाही (बी. जे. पी) श्रीमती अमरजीत शाही तथा श्री अरुण डोगरा (कांग्रेस) वर्तमान में विधान सभा सदस्य हैं।

सन्दर्भ ग्रंथ:
1) होशियारपुर गजटीयर
2) आंकड़ा सार 2009

One comment

  1. Its such as you read my thoughts! You appear to understand so much about this, like you wrote the guide in it or something. I think that you just can do with a few p.c. to drive the message home a little bit, but other than that, that is excellent blog. A great read. I’ll certainly be back.

Leave a Reply to Jeans Outlet Store Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*