लंदन में एक गरीब फटेहाल बूढ़े व्यक्ति ने 10 लाख पौंड से ज़्यादा अपनी जमा राशि की वसीयत कुत्तों की देखभाल करने वाली एक धर्मार्थ संस्था के नाम कर दी।

हैरानी की बात है कि उसने अपने घर में बिजली बचाने के लालच में कभी टी. वी. नहीं चलाया और न ही कभी नए कपड़े पहने।

उसकी दो बेटियां भी हैं उनके पिता की इतनी दौलत का उन्हें कभी अन्दाज़ा नहीं था।

उसकी बेटी ने बताया कि उन्हें अन्दाज़ा नहीं था कि उनके पास इतनी सम्पत्ति थी। उन्होंने कभी भी घर की मुरम्मत नहीं करवाई और न ही कभी बेकार चीज़ों पर पैसा ख़र्च किया।

दोनों बहनें अपने पिता की सम्पत्ति से वंचित रह जाने पर हताश हैं मगर वे अपने पिता के इस निर्णय पर खुश हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*