-अलका अमरीश चौधरी

सर्दी में गला बैठने पर भोजन के पश्चात् काली मिर्च के चूर्ण को देसी घी के साथ चाटना लाभप्रद है।

आधा ग्राम हींग को ढाई सौ ग्राम पानी में घोल कर गरारे करें। लहसुन का रस मिला कर गरारे करने से भी गला खुल जाता है।

गले में दर्द होने पर पालक के पत्ते उबाल कर उस पानी से गरारे करने पर गले का दर्द बिल्कुल ठीक हो जाता है।

धनिया, मिश्री थोड़ी मात्रा में दो-तीन बार चबाने से आराम होता है।

गले में सूजन आने पर कफ रोकने हेतु दो ग्राम अजवायन चबाकर ऊपर से गरम पानी पी लें। सूजन ख़त्म हो कर आराम मिलता है।

मौसम बदलने पर टांसिल हो जाते हैं। तब खाने में सोडा व नमक व थोड़ी-सी फिटकिरी एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच घोल कर 2-3 बार गरारे करें। आराम होगा।

हल्दी थोड़ी-सी (आधा-चम्मच) दो बार ताज़े पानी में फंकी लें व हल्दी की गांठ पीस कर गले पर लेप करें। आराम होगा।

संतरे के रस को गर्म कर पीने से खांसी में लाभ होता है।

अंगूर खाने से ज़ुकाम में खांसी दूर होती है।

अनार का छिलका चूसने से व पानी में भिगोकर पिलाने से खांसी ठीक हो जाती है।

कच्चे अमरूद भूनकर खाने से भी लाभ मिलता है।

सेब के रस में मिश्री मिलाकर गर्म करके पीने पर भी राहत मिलती है।

गन्ने का रस रोज़ाना दो बार पीने से खांसी में आराम होता है।

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