ये वेदना है तो सही पर कही कहीं एक-तरफा है
मैने बलात्कार या छेड़ठाड़ के झूठे इल्जाम लगा कर
पैसों से बयान बदलने वालियों के भी दर्शन किए हैं
मैने छोड़ी बच्चियों से एेसे घृणित इल्जाम लगवाने वाली देवियों को भी देखा है
जो एक महिला भी है, मां भी और मक्कारी की मूरत भी
यह नहीं कहता कि नारी पर जुल्म नहीं होता
जुल्म इंतहा तक होता है, जब मां बुढापे पे अपनी जुबान पर काबू न रखे
घर आई दूसरी नारी के रूप वाली बहु को दर किनार करने की कोशिशें करे
अपनी ही बेटी के साथ परायों से भी बदतर व्यवहार करे
पति को कुसकने भी न दे और जूते के नीचे रखे किस किस का जवाब मांगा जाएगा
ये वेदना है तो सही पर कही कहीं एक-तरफा है
मैने बलात्कार या छेड़ठाड़ के झूठे इल्जाम लगा कर
पैसों से बयान बदलने वालियों के भी दर्शन किए हैं
मैने छोड़ी बच्चियों से एेसे घृणित इल्जाम लगवाने वाली देवियों को भी देखा है
जो एक महिला भी है, मां भी और मक्कारी की मूरत भी
यह नहीं कहता कि नारी पर जुल्म नहीं होता
जुल्म इंतहा तक होता है, जब मां बुढापे पे अपनी जुबान पर काबू न रखे
घर आई दूसरी नारी के रूप वाली बहु को दर किनार करने की कोशिशें करे
अपनी ही बेटी के साथ परायों से भी बदतर व्यवहार करे
पति को कुसकने भी न दे और जूते के नीचे रखे किस किस का जवाब मांगा जाएगा