-नीतू गुप्ता
विवाह के पश्चात् हर स्त्री के लिए मां बनना एक सुखद स्वप्न होता है। जब स्त्री गर्भधारण करती है तो प्रारंभ के तीन महीनों में कुछ परिवर्तन महसूस होते हैं जिनमें चक्कर आना व उल्टी आना आम समस्याएं हैं। सुबह उठते समय अक्सर मॉर्निंग सिकनेस महसूस होती है। ऐसा लगता है कि उल्टी आने वाली है। कभी-कभी तो उल्टी आ भी जाती है। ख़ाली पेट उल्टी होने से पेट का सारा सिस्टम गड़बड़ा जाता है जिससे कमज़ोरी महसूस होती है। किसी काम में मन नहीं लगता। ज्यों-ज्यों दिन बढ़ता है यह समस्या कम होने लगती है। नॉज़िया गर्भावस्था की साधारण समस्या है। इससे घबराएं नहीं और कुछ बातों पर विशेष ध्यान देः-
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थोड़ा-थोड़ा भोजन कम अंतराल में खाते रहें। ख़ाली पेट रहना नॉज़िया को बढ़ावा देता है। ऐसे में ध्यान रखें कि भोजन प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होना चाहिए।
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इस अवस्था में अधिक मक्खन, घी, मिर्च, मसाले, तला भोजन अधिक न लें जिनसे एसिडिटी बनती हो।
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रात्रि में अपने बिस्तर के पास कुछ बिस्कुट बादाम आदि रख कर सोयें। सुबह उठते ही धीरे-धीरे कुछ दाने बादाम या कोई अन्य नट्स और नमकीन-मीठे बिस्कुट अपने स्वादानुसार खायें। खाने के बाद 20-25 मिनट आराम करके बिस्तर से उठें।
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दिन भर पानी की मात्रा ठीक लेते रहें। ध्यान रखें भोजन करते समय बीच में पानी कम पियें। एक भोजन से दूसरे भोजन के अंतराल में खूब पानी पीयें।
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नींबू को कुछ पतले टुकड़ों में काट लें। नींबू के टुकड़ों को सूंघने से नॉज़िया में आराम मिलता है। नींबू की खुशबू और स्वाद गर्भावस्था में अच्छा लगता है। दिन में एक या दो बार नींबू पानी का सेवन भी कर सकते हैं।
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दिन में कुछ आराम ज़रूर करें। स्वयं को तनावमुुुु रखें। किसी अन्य गर्भवती महिला से बातें करें। उससे आप हलका महसूस करेंगी और कुछ असाधारण समस्याओं को आप साधारण सा महसूस करेंगी।
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अदरक वाली चाय कभी-कभी ले सकते हैं। वैसे दिन में एक बार अदरक की चाय पीनी चाहिए। एक पतला टुकड़ा अदरक पर नमक तथा नींबू लगा कर चूसने से उल्टी रुक जाती है। अदरक पेट के लिए अच्छा होता है।