ठंड के महीने में ज़्यादातर लोगों को होंठ फटने और होंठों के रूखे हो जाने की शिकायत होती है। गर्मी में तो यह शिकायत थोड़ी कम रहती है लेकिन ठंड जैसे ही शुरू होती है लोगों को यह नहीं समझ में आता कि वे अपने होंठों की रक्षा हेतु क्या कुछ करें। होंठों की त्वचा में कोई तैलीय ग्रन्थि नहीं होती जिसकी वजह से होंठ खुरदरे होकर फट जाते हैं। होंठों के फट जाने से कई लोगों के होंठों से खून भी बहने लग जाता है। ज़ाहिर है ऐसे में दर्द होना स्वाभाविक है। होंठों के खुरदरे व फट जाने से ख़ासकर नव-नवेली दुलहन की खूबसूरती पर कुछ ज़्यादा ही असर पड़ता है इसलिए होंठों की भी उचित देखभाल की ज़रूरत है।

सबसे पहले होंठों को स्वस्थ, मुलायम रखने के लिए प्रचुर मात्रा में विटामिन युक्त भोजन लेना चाहिए। कुछ विटामिनों की कमी की वजह से भी होंठ बेहद प्रभावित होते हैं जैसे बी, सी व ई की कमी से। विटामिन बी की कमी से होंठ फटने लगते हैं, सी की कमी से होंठ बेजान होकर उनका रंग काला सा पड़ जाता है और विटामिन ई की कमी से होंठों के आस-पास महीन रेखाएं उभरने लगती है।

सोते समय नाभि में दो बूंद सरसों का तेल डालने से होंठ नहीं फटते। अगर नाभि में नियमित दो बूंद सरसों का तेल डाला जाये तो होंठ पर्याप्त मुलायम व स्वस्थ रहते हैं।

गुलाब के दो पत्तों को तोड़कर दांतों से थोड़ा सा चबाकर होंठो पर रगड़ें तो होंठ मुलायम हो जाते हैं।

सोते समय होंठों पर शुद्ध देसी घी लगाने से फटे हुए होंठ नरम व नाज़ुक हो जाएंगे।

हल्की गर्म गुनगुनाहट से भरा शुद्ध घी होंठों पर लगाने से अधिक लाभ होता है।

पेट्रोलियम जैली या वैसलीन लगाने से रूखे और फटे हुए होंठ कोमल हो जाते हैं। इसके रोज़ इस्तेमाल से होंठों के फटने की संभावना नहीं के बराबर रहती है।

नव-नवेली दुलहनों को चाहिए कि वे पेट्रोलियम जैली या वैसलीन का इस्तेमाल ठंड के महीने में ज़रूर करें। ऐसी क्रीम का इस्तेमाल कत्तई नहीं करना चाहिए जिससे होंठ प्रभावित होते हों।

एक चम्मच दूध और एक चम्मच मलाई को एक साथ फेंट कर इसमें थोड़ा-सा केसर डालकर फ्रिज में रख दें। कुछ देर तक होंठों पर लगाने के बाद उसे गीली रूई से साफ़ कर दें। फिर होंठ मुलायम तो होंगे ही, साथ ही होंठों पर गुलाबीपन आ जायेगा।

पके हुए दूध में से थोड़ी-सी मलाई लेकर होंठों पर लगा लें। इससे भी होंठों पर चिकनाई आ जाती है।

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