जार्ज बर्नार्ड शा के जीवन की एक दिलचस्प घटना है। वह शाकाहारी थे। एक बार जब वे काफ़ी बीमार पड़ गए तो डॉक्टरों की सलाह से उन्हें मांसाहारी भोजन करने के लिए कहा गया लेकिन वो तैयार न हुए।
जब बर्नार्ड की हालत एकदम बिगड़ गई, तो उन्होंने वकील के सामने अपनी ‘विल’ लिखवाई और कुछ शर्तें भी रखीं। जब उनके शव को क़ब्रिस्तान ले जाया जाए तो मातम मनाने वालों में पक्षी, भेड़ें, मेमने, गाय सभी तरह के चौपाये और पानी में रहने वाली मछलियां शामिल हों जो कब्रिस्तान तक साथ चलें। सभी पशुओं, पक्षियों के गले में एक कार्ड टंगा होगा जिस पर अंकित होगा- “हे प्रभु! हमारे हितचिंतक जार्ज बर्नार्ड शा पर दया करना, जिसने दूसरे जीवों की प्राण रक्षा के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।”
इस विल को लिखवाते ही बर्नार्ड शा ने प्राण त्याग दिये और इसी विल को ध्यान में रखते हुए उन्हें क़ब्रिस्तान तक एक जुलूस के रूप में पहुंचाया गया।