-माधवी रंजना
महानगरों में ख़ासकर लोगों में सिर दर्द का रोग बढ़ता जा रहा है। क्या है वास्तव में इस बढ़ते सिर दर्द का कारण। इसके लिए सबसे पहले तो महानगरों में तेज़ी से बढ़ता प्रदूषण ज़िम्मेवार है। चौराहे पर ट्रैफिक जाम में घंटों फंसा आदमी प्रदूषण का शिकार होता है और घर लेकर लौटता है सिरदर्द। ट्रैफिक जाम में सांसों में कार्बन की मात्रा अधिक जाती है। शुद्ध वायु का न मिलना एक बड़ा कारण है सिर दर्द का। हमारे शरीर में सिर का स्थान हृदय के ऊपर होता है इसलिए रक्त का परिभ्रमण ठीक से नहीं हो पाता है।
सिर दर्द का दूसरा प्रमुख कारण पैसे की होड़ में बढ़ रहा तनाव है। महीने का ख़र्च पूरा नहीं होने के कारण लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। अपने ख़र्च पूरे करने के लिए आदमी कई तरह के नए तरीक़े ढूंढ़ता है। सिर दर्द का कारण हमारा खानपान भी है। हम जल्दबाज़ी में खाते हैं। अन्न को पूरी तरह चबाकर नहीं खाते हैं। इस लिए अन्न की पूरी शक्ति शरीर को नहीं मिल पाती है। इससे चेहरे पर ओज भी नहीं दिखता। सिर दर्द से बचने के लिए हमें प्रातः काल उठकर लंबी सांसें लेनी चाहिए। हो सके तो रोज़ सुबह प्राणायाम करें। प्राणायाम शुद्ध वायु में ही करें।
खाने में तली हुई चीज़ें दिन में ही खाएं। अक्सर हम रात को खाने के बाद सो जाते हैं। अगर रात में तली हुई चीज़ें खा रहे हों तो खाने के बाद टहलने अवश्य जाएं। हो सके तो रात को भी खाने के कम से कम एक घंटे बाद ही सोएं। सिर दर्द से पीड़ित लोगों को मूत्र विसर्जन में कोताही नहीं करनी चाहिए। अगर मूत्र का ज़़ोर आ रहा हो तो इसे कदापि न रोकें। सिरदर्द से बचने के लिए मौसमी फलों का सेवन उचित होगा। कच्चे फल आतों के लिए लाभकारी होते हैं।
अगर आपको सिर दर्द रहता है तो इसका आयुर्वेद में इलाज कराएं। वहां इसके लिए त्रिफला व सत इसबगोल जैसी दवाएं हैं। इन दवाओं के सेवन से आदत नहीं पड़ती साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
अगर आपके सिर में चक्कर आते हैं तो सफ़ेद जीरा को तवे पर भून लें उसमें चौथा हिस्सा काला नमक मिला लें। इसे एक चम्मच सुबह व शाम को लें। लाभ होगा। इसके अलावा सौंफ को तवे पर मल लें। उसमें चीनी मिला कर खाएं उससे भी लाभ होगा। इसके अलावा सिर दर्द में लक्ष्मी विलास रस (नारदीय) ले सकते हैं।
अगर आपको हमेशा सिर दर्द या तनाव रहता है तो बेहतर होगा कि आप किसी अच्छे आयुर्वैदिक चिकित्सक से सलाह लेकर दवाओं का सेवन करें।