गीता की आज बर्थडे पार्टी थी। आज पार्टी में बड़ा अच्छा लग रहा था, सभी बहुत खुश थे। हलकी-हलकी ठंडी हवा चल रही थी, हलका-हलका संगीत बज रहा था। सभी अपनी बातों में खोये हुए थे। मैं और रूबी एक बैंच पर बैठे थे। रूबी आजकल होस्टल में रह कर पढ़ रही थी। रूबी गांव में पली बढ़ी थी लेकिन उसे देखने से ज़रा भी एहसास नहीं होता था कि वो कभी गांव में रही होगी। उसने आज ब्लैक स्कर्ट और लाल टॉप पहनी हुई थी। बाल कंधे तक कटे हुए थे। गालों पर हलकी लाली थी। आज वो कुछ ज़्यादा ही खूबसूरत लग रही थी। रूबी सोमा की तरफ़ देखते हुए कहने लगी, “आधुनिक तो होना चाहिए लेकिन अपनी सीमाएं नहीं लांघनी चाहिए। तुम्हें नहीं लगता कि सोमा आधुनिक दिखने की इच्छा में सारी सीमाएं लांघ देती है।” मैंने मुड़ कर देखा, थोड़ी दूरी पर सोमा खड़ी थी। उसने बहुत ही छोटे साईज़ का बिना बाजू का ब्लाऊज़ पहना हुआ था और निकर के साईज़ की स्कर्ट पहनी हुई थी। उसके पास दो तीन लड़के और एक अन्य लड़की खड़ी थी। वो सभी किसी बात पर हंस रहे थे। तभी रूबी अचानक जल्दी से खड़ी हो गई। गेट से उसके पिता जी दाख़िल हो रहे थे। वो जल्दी से गीता के साथ अंदर जाते हुए बोली, “यदि पिता जी ने मुझे स्कर्ट पहने हुए देख लिया तो बहुत बुरा मनाएंगे।” लेकिन उसके पिताजी ने शायद बाहर से ही उसे देख लिया था। उनको बहुत ग़ुस्सा चढ़ा हुआ था। गीता रूबी को अंदर छोड़ कर जल्दी से रूबी के पिताजी के पास पहुंची। उनके साथ सोमा के पिता भी थे। उन्होंने बताया, “रूबी के पिता को रूबी से ज़रूरी मिलना था, यहां का पता उनको मालूम नहीं था, इसलिए मैं इनको अपने साथ यहां ले आया। आशा है पार्टी डिस्टर्ब करने के लिए तुम माइन्ड नहीं करोगी।” गीता बोली, “ओह नो, मोस्ट वेलकम। रूबी अंदर गई है अभी अाती है, आप तब तक सोमा से मिलिए। सोमा का ध्यान अभी तक उनकी तरफ़ नहीं गया था, वह उसके पास जाकर बोले, “हैलो बेटे।” सोमा ने उनको देखा तो हंसते हुए बोली, “हैलो पापा आप अचानक यहां? मैं अपने दोस्तों से आप ही के बारे में बात कर रही थी। आइये आपको इनसे मिलाऊं।” सोमा ने अपने पास खड़े चारों लोगों से अपने पापा को मिलाया और बताया कि ये चारों मेरे सबसे ख़ास दोस्त हैं। उसके पापा उनसे मिलकर बहुत खुश हुए और उनको घर आने का निमंत्रण दिया।
रूबी कपड़े बदल कर बाहर आ गई उसने गीता का रॉयल ब्ल्यू सलवार कमीज़ पहना हुआ था और प्रिंटिड दुपट्टा लिया हुआ था। मैं उसे देख कर उसकी तरफ़ बढ़ गया। तो रूबी ने हौले से कहा, “प्लीज़ राजन, तुम इस वक़्त यहां से जाओ, मेरे पिता जी मेरा लड़कों से बात करना अच्छा नहीं समझते। उन्हें तो यह भी बुरा लग रहा होगा कि मैं इस वक़्त पार्टी में क्यूूं आई।” मैं सोच रहा था कि अपनी सीमाएं किस ने लांघी।