अशोक दर्द मेरा अस्तित्व बर्फ और पहाड़ की कविता काश! आप हमारे होते.. मगर शब्द चितेरा मैं सृष्टि हूं कवि और क़लम नये दौर की कहानी तुम्हारी स्मृतियां मुखौटा अपने अपने दुःख 2016-06-23 admin