-दीपक कुमार गर्ग

आजकल की नौजवान पीढ़ी के लड़के-लड़कियां अक्सर ही अपने जीवन में एक सच्चे प्रेमी या प्रेमिका की तलाश में रहते हैं। परन्तु दुख के साथ कहने में आता है कि सच्चा प्रेम बहुत ही कम लोगों के नसीब में होता है। ज़्यादातर लोग प्रेम के नाम पर धोखा खाते है और उनकी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है। समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अक्सर ही आप धोखा खाए प्रेमी-प्रेमिका की कहानियां (सच्चे किस्से) पढ़ते हैं। जेतो गांव की साहिबा ने किस तरह अपने भाइयों के साथ मिलकर अपने प्रेमी को मार दिया। बरीवाला के आशिक ने अपनी प्रेमिका से बदला लेने के लिए उसके बच्चों को ही अगवाह कर लिया। इसके अलावा भी बहुत से किस्से हैं। जिसमें प्यार में होने वाले धोखे का परिणाम एक पक्ष को भुगतना पड़ता है।

हम आपको ऐसी जानकारियां देना चाहते हैं, जिससे आपका प्रेम आपको आपकी कल्पना के अनुसार ही सार्थकता दे सकता है।

लड़कियों में एक कमज़ोरी होती है कि यदि कोई लड़का उनकी तारीफ़ कर देता है तो वह बहुत खुश हो जाती हैं। लड़के लड़कियों की इस कमज़ोरी का फ़ायदा उठाकर उनको अपने वश में कर लेते हैं। इसलिए यदि कोई लड़का किसी लड़की की तारीफ़ करता है तो लड़की पहले यह देखे कि जो लड़का उसकी तारीफ़ कर रहा है वह सचमुच उस तारीफ़ के लायक खुद है या नहीं? क्या वह उसकी झूठी तारीफ़ तो नहीं कर रहा। यदि तारीफ़ सच्ची हो तो भी सोचे कि लड़का उसकी तारीफ़ क्यों कर रहा है।

जो लड़के लड़कियों को लालच देकर फंसाते हैं ऐसे लड़के कभी भी सच्चे प्रेमी नहीं हो सकते। आसमान के तारे तोड़कर लाने की बातें करने वालों से भी दूर ही रहना समझदारी होती है। याद रखो मिर्ज़ा-साहिबा, हीर-रांझा आदि के ऐसे ही क़िस्सों के उदाहरण देकर अक्सर ही लोग प्रेम को बदनाम कर देते हैं।

यदि किसी लड़के की शक्ल-सूरत हीरो जैसी हो या लड़की आकाश से उतरी अप्सरा लगती हो तब भी ज़रूरी नहीं कि ऐसे गुण सच्चे प्रेम में सहायक हों। याद रखो सूरत से सीरत भली होती है। आप अनारकली, हीर-रांझा, शीरी-फ़रहाद का जो रूप फ़िल्मों मे देखते हो ज़रूरी नहीं कि असली ज़िंदगी में भी उनका वही रूप था। यदि हीर प्रिया राजवंश जैसी थी तो बाद में क्यों श्रीदेवी को हीर बनाया गया। पहले नूतन क्यों हीर बनी। यदि मधुबाला ही अनारकली थी तो बीना राय क्यों अनारकली बनी।

प्रेम के बीच अमीरी-गरीबी की कोई जगह नहीं है। आपसी भावनाएं और विचारों का मिलना बेहद ज़रूरी है।

यदि प्रेमी या प्रेमिका के बीच कोई भी एक दूजे को हमबिस्तर होने के लिए कहता है तब आप स्वयं ही जान लें। यदि आप शादी के पहले ऐसे संबंध बना भी लें तो आपके प्रेम का अंत सुखद नहीं रहेगा। ऐसे प्रेमी-प्रेमिका का प्रेम, प्रेम नहीं केवल शारीरिक आकर्षण या केवल वासना मात्र होता है।

प्रेम की शुरुआत शारीरिक संबंध से हो सकती है तो प्रेम का अंत भी शारीरिक संबंध से हो सकता है। यह सोच समझ कर ही आगे बढ़ें।

कई बार कुछ लड़के या लड़कियां अच्छे कैरियर के बाद प्रेम के चक्कर में पड़ जाते हैं। परन्तु बाद में एक दूसरे के कैरियर को संवारने में सहायक सिद्ध नहीं होते तब फिर प्रेम, प्रेम नहीं रहता। ऐसी स्थिति के बारे में पहले से ही सोच विचार कर लेना चाहिए।

यदि कोई लड़की या प्रेमिका आपसे बहुत महंगी फ़रमाईशें करती है तब कई लड़के महंगी फ़रमाईशें पूरी करने में लग जाते हैं। कई बार शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने का भी लालच होता है। ऐसे संबंधों का शादी के बाद अंत सुखद नहीं होता है।

यदि लड़का भी लड़की को महंगे तोहफ़े देता है तो लड़की को सोचना चाहिए कि इतने महंगे तोहफ़ों के पीछे कोई स्वार्थ तो नहीं है। कई बार कुछ गरीब लड़के अमीर लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा लेते हैं। या अमीर लड़कों को गरीब लड़कियां अपने चंगुल में फंसा लेती हैं, बाद में दूसरे पक्ष की तरफ़ से अलग-अलग बहानों से आर्थिक शोषण किया जाता है। प्रेम की ऐसी स्थिति के बारे में पहले से ही विचार कर लेना चाहिए।

आपका प्रेमी या प्रेमिका अपराधी तो नहीं इस बारे में पहले ही विचार कर लेना चाहिए।

और भी बहुत सारी बातें हो सकती हैं जिनकी सच्चे प्रेम में बहुत महत्ता होती है। प्रेम करने से पहले सभी स्थितियों पर विचार कर समझदारी से काम लेना चाहिए। यदि फिर भी धोखा हो जाए तब घबराने की जगह अपना या किसी ओर का नुक़सान करने की जगह संयम और धीरज से काम लेना चाहिए।

आजकल कुछ अनजाने लड़के और लड़कियां अक्सर अपने आप को एन.आर.आई. बताकर दूसरे पक्ष को जाल में फंसा लेते हैं। ऐसी स्थिति के बारे में पहले ही विचार कर लेना चाहिए कि बाद में धोखा न हो जाए।

अंत में पाठकों से अपील करता हूं कि वह भी प्रेम के संबंध में अपने विचारों से अवगत कराएं और मेरे लेख के बारे में अपनी राय भी भेजें।

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