इस तथ्य को हमें निर्विवाद रूप से स्वीकार करना होगा कि आज का युवा ही देश का भावी नेता और कर्णधार है,
Read More »किशोरवर्ग
युवाओं में आकर्षण का केन्द्र बनी आधुनिकता
क्या है आधुनिकता? जो युवाओं को आकर्षित करती है। आधुनिकता विभिन्न प्रकारों की होती है जैसे- आधुनिक व्यवहार, आधुनिक विचार, आधुनिक जीवन शैली, आदि।
Read More »आख़िर किसे बनाएं युवा अपने जीवन का आधार
लड़कियां जब 14 से 18 वर्ष की आयु में होती हैं तो यह एक अति विशेष परिस्थितियों वाला समय होता है। हम केवल लड़कियों की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि नारी जाति को ही गृहस्थ धर्म का आधार माना जाता है
Read More »रिश्तों की पुकार
यूं तो इन्सान का सम्बन्ध बचपन से ही किसी दूसरे के साथ होता है। जन्म के समय मां के साथ, बचपन में भाई बहन व साथियों के साथ परन्तु असली समझ का सम्बन्ध बनता है, जब वह किशोर अवस्था में होता है।
Read More »चक्कर दोस्ती का
दोस्त अच्छा हुआ तो आप को बना सकता है, ख़राब हुआ तो बिगाड़ सकता है। यह बात लड़के-लड़कियों दोनों पर आधारित है और दोस्ती समलिंगी हो या विषम-लिंगी, दोनों में सच है।
Read More »बेटी जब बड़ी होने लगे
बेटियां आजकल यौन-उत्पीड़न के ख़तरे तले बड़ी होती हैं। ये ख़तरे अक्सर घर परिवार या जान-पहचान वालों की तरफ़ से आते हैं। माएं अपनी बेटियों को इनसे आगाह करके रखें, तो बहुत सारी समस्याएं तो पैदा नहीं होंगी।
Read More »नई पीढ़ी में भटकाव इंटरनेट अश्लीलता
ई-मेल और फी-मेल के इर्द-गिर्द बुना हुआ इंटरनेट का यह माया जाल बड़ी तेज़ी से हमारे युवाओं और बच्चों को अपने शिकंजे में जकड़ रहा है। इसलिए ज़रूरी है कि हम इस बात का पता लगाएं कि कहीं हमारे बच्चे तो इस राह पर नहीं चल पड़े।
Read More »कल रात सपने में आए थे तुम
आमतौर पर किशोरावस्था की किशोरियों में इस प्रकार की कल्पनाएं पाई जाती हैं जो ज़हन में बैठ जाती हैं जिससे काल्पनिक जीवन साथी की भूमिका तैयार होनी शुरू हो जाती है। युवक सिनेमा जगत् की चकाचौंध में उफनती तारिकाओं के यह बहुत ही दीवाने होते हैं।
Read More »किशोरावस्था- समय भटकने का या सम्भलने का?
-जगजीत ‘आज़ाद’ बाल्यावस्था और युवावस्था के मध्य का समय जिसे किशोरावस्था कहा गया है हर इन्सान के जीवनकाल का क्रांतिकारी समय है। इसे अगर ज़िंदगी का चौराहा कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा क्योंकि इस समय हर किशोर के सामने भावी मार्ग चुनने की उलझन होती है। यूं तो इस अवस्था में किशोर में बहुमुखी परिवर्तन आते हैं लेकिन ...
Read More »बेटी की किताब में प्रेमपत्र
-कनु भारतीय मेरे साथ वाले पड़ोसी के घर में शाम के पांच बजे चीखने-चिल्लाने व गाली-गलौच की तेज़-तेज़ आवाजें आ रही थीं। आस-पास की महिलाएं पहले तो उनके घर के बाहर इक्ट्ठी खड़ी रहीं फिर उनमें से अधिकतर यह कहकर बाहर से ही लौट गयीं कि यह उनके घर का मामला है। फिर भी चार-पांच औरतें हिम्मत करके अंदर ...
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