-विद्युत प्रकाश मौर्य
हाँ, ज़्यादा टेलिविज़न देखने से आपके बच्चे मिरगी के भी शिकार हो सकते हैं। देश की कुल जनसंख्या के दो फीसदी लोग मिरगी जैसी बीमारी के शिकार हैं। देश में आज लगभग दो करोड़ लोग मिरगी के मरीज़ हैं। एक अध्ययन के मुताबिक़ पिछले दो दशक में मिरगी के मरीज़ों की संख्या तेज़ी से बढ़ी है। इसके पीछे बहुत कारण हमारी अनियमित जीवन शैली है। हालांकि मिरगी जैसी बीमारी का खतरा महिलाओं को ज़्यादा होता है पर बच्चों में भी इस बीमारी की संभावना है। ख़ासकर छह से लेकर 14 साल के बच्चों के बीच मिरगी होने की संभावना अधिक पाई जाती है।
मिरगी जैसी बीमारी के लिए टेलिविज़न मुख्य रुप से ज़िम्मेवार है। आजकल टी.वी. पर विभिन्न चैनलों पर हिंसा व मार-धाड़ वाले दृश्य ज़्यादा दिखाए जाते हैं जो बच्चों के मानस पटल पर बुरा असर डालते हैं। लाईफ़ लाईन अस्पताल लुधियाना में कार्यरत बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.राधे श्याम माहेश्वरी का मानना है कि बच्चे टी.वी. पर हिंसा व मार-धाड़ वाले दृश्य बड़े ही चाव से देखते हैं। लेकिन उनका दिमाग़ इतना मैच्योर नहीं होता कि वे ऐसे दृश्यों को पचा पाएं। ऐसी हालत होने पर खतरा बढ़ जाता है। टी.वी. के इस दुष्प्रभाव से बचाने के लिए चाहिए कि बच्चों को मार-धाड़ व हॉरर वाले धारावाहिक देखने से रोका जाए। अगर ऐसे क्रार्यक्रम देखने भी हों तो चाहिए कि आप बच्चों के साथ बैठकर देखें। इससे बच्चों के दिमाग़ पर कम प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि उन्हें इससे मनोवैज्ञानिक संरक्षण मिलेगा। घरों में यह भी होना चाहिए कि बच्चों के टी.वी. देखने के लिए समय तय कर दें। उन्हें वही प्रोग्राम देखने दें जो उनके दिमाग़ पर सकारात्मक असर डालते हों। आमतौर पर बच्चे एक्शन व रोमांच वाले धारावाहिक व फ़िल्में देखना चाहते हैं। पर उनकी उम्र के अनुसार ही ऐसे प्रोग्राम देखने के लिए तय किए जाने चाहिए।
इसके इलावा संक्रमित भोजन भी मिरगी का कारण हो सकता है। संक्रमित भोजन से आने वाले कीड़े दिमाग़ में पहुंच जाते हैं जो मिरगी का कारण बन सकते हैं। दाई के ज़रिए असुरक्षित प्रसव भी मिरगी का कारण हो सकता है। बर्थ ट्रॉमा के कारण मिरगी की बीमारी बच्चों में भी हो सकती है। ऐसे बच्चों को मिरगी से बचाने के लिए ज़रुरी है कि उनका ख़ास तौर पर ध्यान रखा जाए। अगर बच्चों में मिरगी जैसा रोग विकसित हो जाए तो समय रहते इसका इलाज संभव है। साथ ही मिरगी के शिकार बच्चों का ख़ास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। उनके साथ हमेशा किसी को रहना चाहिए।