-नीलम मेहरोत्रा

प्रकृति ने हमें बहुत से अनमोल तोहफ़ों से निवाज़ा है जैसे खूबसूरत ऋतुएं, मौसम तथा समय। ये ऋतुएं तथा मौसम भी प्रकृति ने समय के अधीन रखे हैं। और समय-समय अनुसार इनमें परिवर्तन होना आवश्यक बनाया है। प्रकृति ने भी समय का महत्त्व ध्यान में रखकर ही इस संसार के निर्माण में इसका अहम योगदान लिया है। जैसे समय-समय पर दिन तथा रात्रि का बनना। यदि कुदरत भी समय का सदुपयोग करके अपने निर्माणाधीन है तो मनुष्यों को भी चाहिए कि उन्हें जो कुदरत ने समय रूपी ख़ज़ाना दिया है उसका अपने दैनिक कार्यों को निपटाने के लिए और बिना समय गवाएं घर-परिवार के संपूर्ण कार्यों को बिना किसी दिक्क़त से पूरा करते हुए जो शेष ख़ाली समय मिलता है उसका भी उचित प्रयोग करें। इस प्रकार गृहिणियां अपने दिनचर्या को किस तरह आरामदायक और आनन्ददायक बना सकती है यह तो सिर्फ़ इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह समय प्रयोग करते हैं। यदि आप चाहते हैं कि आप भी अपने समय का सही उपयोग करें तो इसके लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है।

कुदरत ने समय सभी प्राणियों को एक-सा प्रदान किया है। हरेक के पास दिन के बस 24 घंटे ही होते हैं। इन्सान समय का सही उपयोग करके तरक्क़ी के शीर्ष पर पहुंचता है और इस का दुरुपयोग करके सारी ज़िंदगी पछताता है। बुज़ुर्गों ने ठीक ही कहा है, ‘बीता हुआ समय कभी वापिस नहीं आता है।’ जो समय कोई भी इन्सान बिना कोई अच्छा काम किए बिता देता है वह समय कभी वापिस नहीं आता है। हम अपने समय का ठीक ढंग से प्रयोग करके उपयोगी और अच्छे कार्यों को लड़ी में पिरोकर ही संभाल कर रख सकते हैं।

घरों में औरतों को अनगिनत कार्य होते हैं। पर देखा गया है वे कि अपने कार्य जिस तरीक़े से करती हैं उससे उनका बहुत-सा समय व्यर्थ चला जाता है। वे सिर्फ़ जीवित रहने के लिए आवश्यकताओं को ही पूरा कर सकती है जैसे रोटी बनाना,  कपड़े, बर्तन और दुधारु पशुओं की देखभाल करना। बहुत ज़्यादा काम जैसे बच्चों की सही देखभाल, अपने आप की सही संभाल, घर की पूरी साफ़-सफ़ाई तो कभी पूरी तरह नहीं होती है। यदि समय को एक योजना बनाकर ठीक ढंग से प्रयोग किया जाए तो हम थोड़े समय और ताक़त से ज़्यादा काम कर सकते हैं। हमारा घर, बच्चे, भोजन, गृहिणी का रहन-सहन और ख़ाली समय में बैठकर किए रुचि के काम जैसे बुनाई-कढ़ाई इत्यादि स्वयं बोलेंगे कि इस घर में समय का ठीक ढंग से प्रयोग किया जा रहा है। अपने समय की ठीक योजना बनाने के लिए हमेशा ध्यान में रखें।

  • घर में करने वाले सभी कार्यों को ध्यान में रखें। यदि गृहिणी पढ़ी लिखी है तो वह लिखकर कार्यों की सूची बना सकती है।
  • कार्यों को इस ढंग से करने की योजना बनाएं कि आपको थकावट भी कम हो जैसे भारी काम कपड़े धोना इत्यादि के बाद हलका काम जैसे वस्तुओं पर से मिट्टी झाड़ना इत्यादि हो। जिससे कार्य भी सभी हो जाएं तथा थकावट भी न हो।
  • अपनी रोज़मर्रा ज़िंदगी के तजुर्बों से अंदाज़ा लगाना चाहिए कि कौन सा कार्य आप कितने समय में कर सकते हैं। इस तरह करने से भविष्य के लिए आपकी योजना अधिक सफल रहेगी।
  •  घर के कुछ कार्यों का समय तो निश्चित ही होता है। जैसे बच्चे ने स्कूल जाना है तो उसका नाश्ता और साथ ले जाने की रोटी या फिर दोपहर खेतों में रोटी भेजने का समय इत्यादि। और बाक़ी कार्य जैसे अपना कुछ सीना-पिरोना, कपड़े इस्तरी करने इत्यादि कार्य उस निश्चित किए हुए समय के कार्यों के बीच में ही करने की योजना बनाएं।
  • कार्यों की सूची और उनके करने के समय का फ़ैसला करने के बाद यह सोचकर योजना बनानी है कि कौन-सा कार्य स्वयं करना है और कौन से कार्य में आपने अपने बच्चों तथा घर के अन्य सदस्यों की मदद लेनी है। इस कार्य के लिए आपको जिस के ज़िम्मे कार्य देना है उसके ख़ाली समय के बारे में जानकारी होनी ज़रूरी है।
  • बाक़ी सदस्यों के ज़िम्मे कार्य लगाते हुए आपको उनके शौक़, रुचि और आदतों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। इस तरह वे कार्य ज़्यादा अच्छी तरह करेंगे और आपको परेशानी भी नहीं होगी।
  • संबंधित कार्यों को इकट्ठे करके व्यक्ति के ज़िम्मे लगाने चाहिए जैसे झाड़ू लगाना, पोचा लगाना और वस्तुओं की साफ़-सफ़ाई या फिर कपड़े धोना, सुखाना, संभालना तथा इस्तरी करना इत्यादि।
  • समय तथा शक्ति बचाने वाले यंत्रों का अधिक से अधिक प्रयोग करना ज़रूरी है।
  • कार्य करने की समय सारणी इस प्रकार बनानी चाहिए कि यदि इस में किसी प्रकार के परिवर्तन की आवश्यकता हो जैसे किसी मेहमान का आ जाना इत्यादि तो आप अपना कार्य पूरा कर सकें।
  • समय योजना बनाने के बाद उसे प्रयोग में लाएं और फिर समय-समय पर उसे देखें कि आप अपने निश्चित किए उद्देश्यों को प्राप्त कर रहे हैं, अपने रहन-सहन का स्तर कैसे सुधरा है? कैसे आपको अपने बच्चों को सुधारने के लिए समय मिला है इत्यादि।

यदि आपकी समय सारणी आपको कार्य करने में मदद देती है और आप अपने उद्देश्यों को आसानी से पूरा करते हो तो ठीक है, नहीं तो आपको इस में परिवर्तन करने की ज़रूरत है। यह सिर्फ़ आप अपने घर की ज़रूरत अनुसार परख सकते हो कि कौन-सा परिवर्तन करके आप अपना उद्देश्य प्राप्त करने में सफल हो सकते हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*