-सुमन कुमारी

घर में बच्चे का जन्म ढेरों खुशियां साथ ले कर आता है। छोटे-छोटे हाथों व मासूम चेहरे पर मां-बाप का दुलार उसके बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है। नए-नए कपड़ों की ख़रीदारी की जाती है। अक्सर बच्चों के लिए कपड़े ऐसे ख़रीदे जाते हैं जो कि देखने में सुन्दर लगते हैं। इसके चलते बच्चे की सुरक्षा का तो ध्यान रखा ही नहीं जाता। बाज़ार में बच्चों के लिए विशेष पोशाकें तैयार की जाती हैं, परन्तु इनमें बच्चे की सुरक्षा संभव नहीं होती। सिल्क और भड़कीले रंग के कपड़ों का चयन बच्चों को नुक़सान पहुंचाता है। कपड़े तैयार करने वाली कंपनियों ने हर वर्ग के लिए नए-नए पोशाक तैयार किए हैं। ख़रीदारी करते समय अक्सर लोग इस बात को अनदेखा कर देते हैं कि क्या ये पोशाकें सुरक्षित हैं भी या नहीं? छोटे बच्चों के लिए तो इस बात पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी होता है। छोटे बच्चे अक्सर मुंह में कपड़ा डालते हैं। यदि उसका रंग छूटता होगा तो ये बच्चे के लिए हानिकारक होगा। भड़कीले व खुरदरे कपड़ों का बच्चों के लिए चयन न करें, क्योंकि बड़े बच्चे तो अपनी तकलीफ़ बोल कर बता सकते हैं पर मासूम जो बोल नहीं पाते उनकी त्वचा के लिए ये नुक़सानदेह होते हैं।

1. बच्चों के तन पर कपड़े कसे नहीं होने चाहिए इससे रक्त संचार की सामान्य क्रिया में बाधा उत्पन्न होती है।

2. गर्मियों में हलके रंग के व सूती कपड़े पहनाएं। पसीना सोखने में ये सक्षम होते हैं। अन्य सिंथेटिक कपड़े पसीने की दुर्गन्ध, गर्मी की समस्या पैदा करते हैं।

3. किसी पार्टी में जाते समय ही बच्चों को सैंडिल, मोजे पहनाएं। अक्सर मां-बाप बच्चों को टाई-सूट पहनाना अधिक पसंद करते हैं पर यह बच्चे के लिए ज़्यादा देर तक पहनना मुश्किल होता है।

4. सिल्क के कपड़े देखने में तो अच्छे लगते हैं परन्तु इससे बच्चों के शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

5. बच्चों के स्वास्थ्य पर जो रंग अच्छा प्रभाव डालते हैं जैसे गुलाबी, हरा, क्रीम, स्लेटी।

क्या आप चाहते हैं कि आपका बच्चा खेलता रहे, खुश रहे तो कपड़े के चयन के समय सावधानी बरतें। चौबीस घंटे बच्चों को भड़कीले कपड़े न पहनाएं, सिर्फ़ किसी समारोह, पार्टी में ही इनका प्रयोग करें, घर आकर तुरंत हलके कपड़े पहनाएं। गर्मियों में सफ़ेद व हलके रंग के कपड़े चुने।

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