नाखून भी हमारे शरीर का एक विशेष अंग हैं। जितना हम अपने बाक़ी शरीर की साफ़-सफ़ाई और सजावट की ओर ध्यान देते हैं उतना ही ध्यान नाखुनों की ओर भी देना ज़रूरी है। पहले तो साफ़ सुथरे लंबे-लंबे नाखुनों पर नेल पॉलिश लगाने का ही फ़ैशन था पर अब नाखुनों से संबंधित एक और कला सामने आई है जिसे नेल आर्ट का नाम दिया गया है। ये एक प्रकार से नाखुनों पर भिन्न-भिन्न रंगों से कलाकृत्तियां बनाना या यूं कहें पेंटिंग करना होता है। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि नेल आर्ट करवाने में समय बहुत लगता है पर इससे नाखुनों को एक बहुत ही आकर्षक लुक मिलती है और वे देखने में बहुत सुन्दर लगते हैं।

नेल आर्ट करते या कराते समय भी कई बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। पहले तो यह कि नाखुनों को उचित शेप दी गई हो। फिर नाखुनों का आधार हलके रंग का हो तो उसके ऊपर आकृतियां गहरे रंग की बनी होनी चाहिए और अगर आधार गहरे रंग का हो तो आकृतियां हलके रंग से बनी होनी चाहिए या यूं कहें कि हलके व गहरे रंग का कंट्रास्ट बनाना चाहिए। पहले नेल पॉलिश के ऊपर सितारे लगाने का फ़ैशन था। पर अब वो बहुत पुराना प्रचलन हो गया है अब इसकी कोई पूछ नहीं। अब तो मैट पर ग्लिटस का प्रयोग साथ में ही किया जाता है।

नाखुुनों पर आकृतियां अंकित करने के साथ-साथ और भी कई स्टाइल नज़र आते हैं। जैसे आजकल नाखुनों को आगे से छेद कर उसमें बाली पहनने का भी फ़ैशन है। इससे नाखून देखने में तो अच्छे लगते हैं पर इससे नाखुनों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे नाखून टूट सकते हैं, उनकी शेप भी ख़राब हो सकती है और अगर बाली किसी चीज़ में फंस गई तो दर्द के मारे आप अपनी चीखें नहीं रोक पाएंगी।

नेल आर्ट भी अब एक महंगा व्यवसाय बन गया है। जितने बड़े सैलून में जाएंगे, उतनी ही ज़्यादा आपकी जेब ख़ाली होगी पर वो क्वालिटी की दृष्टि से भी बढ़िया होगा। यह तो अब एक प्रोफ़ेशन ही बन गया है। जहां नेल आर्ट करवाने वालों की भरमार है वहीं दूसरी ओर इसे सिखाने वाले भीी कम नहीं है। इसकी भी एक प्रकार की सिखालाई दी जाती है और ढेरों पैसे कमाए जाते हैं। आप किसी भी छोटे बड़े सैलून से यह करवा सकती हैं पर अब तो शादी ब्याह या अन्य उत्सवों पर मेहंदी लगाने वाले भी इस क्षेत्र की ओर अग्रसर हो गए हैं और मेहंदी के साथ-साथ वे भी नेल आर्ट करने लगे हैं।

चाहे नेल आर्ट करवाना बहुत महंगा पड़ता है पर फिर भी लड़कियां अपने फ़ैशन को ध्यान में रखते हुए इसे बरकरार रखने के लिए पैसे की परवाह नहीं करती। कई लड़कियां तो एक सप्ताह बाद ही डिज़ाइन बदलवा लेती हैं।

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