-आनन्द कुमार अनन्त

सर्दी की शुरुआत होते ही यदि त्वचा की सार-संभाल न की जाए तो त्वचा रूखी, बेजान और झुर्रीदार बन जाती है। खुश्क, सर्द हवाओं का सीधा असर तेल ग्रंथियों पर पड़ता है जो त्वचा के ठीक नीचे होती हैं। इस मौसम में या तो ये निष्क्रिय हो जाती हैं या इनके प्राकृतिक तेल अंशों में कमी आ जाती है। इससे त्वचा में जलन भी होने लगती है। मौसम अपना कुप्रभाव त्वचा पर न डाले, इसके लिए पहले ही सजग हो जाना चाहिए।

  • ऋतु परिवर्तन के साथ ही हमारे शरीर के समक्ष भी अनेकानेक परेशानियां उपस्थित हो जाती हैं। ख़ासकर सर्दियों में त्वचा ख़ुश्क हो जाती है और मुंह, हाथ-पैर फटने लग जाते हैं। कई मर्तबा तो फटे हाथ-पैरों में दरारें-सी पड़ जाती हैं और खून रिसने लगता है। होठों में भी दरारें पड़ जाती हैं और कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आ जाती है कि खाने-पीने में काफ़ी दिक्क़तों का सामना करना पड़ता है।

  • सर्दियों में त्वचा खुश्क होने के कारण शरीर में जगह-जगह खुजली होने लगती है। ऐसी स्थिति में त्वचा को चिकनाई देने वाली तमाम ग्रंथियां भी निर्बल हो जाती हैं। त्वचा की चरचराहट व रूखापन स्वास्थ्य के लिए तो अहितकर होता ही है, साथ ही व्यक्तित्व को भी प्रभावहीन बना डालता है।

  • अत्यधिक क्रीम व लिपस्टिक लगाने के कारण होठों में दरारें पड़ जाती हैं विटामिन ‘ए’ और ‘बी’ की कमी के कारण भी होंठ फटने लगते हैं। अत्यधिक मात्रा में तली-गली चीज़ेें खाने, गरम-गरम भोजन करने से भी होठों का फटना शुरू हो जाता है। ठण्डी तेज़ हवाओं के असर से भी होठों में दरारें पड़ने लगती हैं और तब उनसे खून रिसने लगता है।

  • त्वचा की खुश्की व रूखापन दूर करने के लिए सौ ग्राम दूध लेकर उसमें पांच बूंद जैतून का तेल व आठ बूंद गुलाबजल मिलाकर त्वचा पर हल्के हाथों से मलिए। फिर लगभग दस मिनट हल्की धूप में बैठ जाइए। इसके बाद गुनगुने पानी से स्नान कर लेने से त्वचा का रूखापन दूर हो जाता है।

  • इस मौसम में चेहरे के रंग को निखारने के लिए चेहरे की त्वचा को दिन में कम-से-कम दो बार गुनगुने पानी से अवश्य धोइए। शुद्ध बेसन को कच्चे दूध में मिलाकर गाढ़ा-सा लेप बनाकर सुबह-शाम अपने चेहरे, गर्दन, बाजू आदि पर इसका लेप करें। तैलीय त्वचा पर सप्ताह में तीन बार तथा रूखी त्वचा पर सप्ताह में दो बार भाप लेकर साफ़ करना लाभदायक होता है।

  • खीरे का रस निकालकर इसमें पांच बूंद ग्लिसरीन तथा गुलाबजल मिलाकर घोल बना लें और इसको चेहरे पर मलें। पैरों तथा हाथों में भी इसे लगाया जा सकता है। इसके बाद गुनगुने पानी से स्नान कर लेने पर त्वचा चिकनी, कोमल व सुगंधित बनी रहती है।

  • त्वचा में निखार लाने के लिए सिरका भी उपयोगी होता है। इसके लिए सिरका और पानी को समभाग लेकर थोड़ा-सा गर्म पानी उसमें मिला दें। उसके बाद रूई से उस तरल को चेहरे पर लगायें और कुछ देर के बाद पानी से चेहरे को धो डालिए। अगर सर्दी के कारण त्वचा काफ़ी रूखी हो तो सिरका लगाने के उपरांत कोई अच्छी-सी क्रीम लगा लें। ऐसा सप्ताह में तीन दिन तक अवश्य करें।

  • शीत ऋतु में प्रतिदिन सुबह गुनगुनी धूप में 10-15 मिनट तक टहलने से त्वचा मुलायम होती है तथा फटी त्वचा में सुधार होने लगता है। धूप में बैठकर सरसों के तेल की मालिश करने से बदन में चमक व स्फूर्ति बढ़ती है। गुनगुने पानी में 4-5 बूंद सरसों का तेल डालकर स्नान करने से त्वचा दिन भर के सफ़र में मुलायम बनी रहती है। कटी-फटी एड़ियों में मोम में शहद मिलाकर लगा देने से एड़ियां भर जाती हैं।

  • गुलाब की पत्तियों का ताज़ा रस या शहद के साथ गरम जल की चार-पांच बूंद मिलाकर फटे होठों पर लगाने से होंठ गुलाब की पंखुड़ियों के समान खिल उठते हैं। जैतून का तेल रूई में भिगोकर हल्के हाथों से होठों पर मलने से भी होंठ खुरदुरे होने व फटने से बचते हैं।

  • पांच ग्राम बेसन, तीन ग्राम हल्दी व दस गुलाबजल को मिलाकर होठों पर लेप करने से होंठ फटते नहीं है। दिन में सोने, रात में अधिक देर तक जागने तथा सूर्योदय के बाद तक सोने वालों की त्वचा खुश्क, खुरदुरी तथा फट जाती है तथा होंठ भी फटने लगते हैं।

  • तांबे के बर्तन में नींबू के रस को चौबीस घंटे तक रख छोड़िए, फिर उसमें इतनी ही मात्रा में काली तुलसी का रस, तथा काली कसौंदी का रस मिला दीजिए। इस मिश्रण को धूप में सुखाकर गाढ़ा कीजिए। इस लेप को चेहरे पर लगाने से चेहरा स्वच्छ व सुंदर बनता है।

  • नहाने से पहले मालिश को अपनी दिनचर्या में जोड़ लीजिए। नारीयल तेल, जैतून तेल या बादाम के तेल में थोड़ा-सा गुलाबजल मिलाकर इससे मालिश कीजिए। ऐसा करने से त्वचा स्निग्ध बनी रहेगी।

  • कमल, कुमुद और नागेश्वर का चूर्ण मधु या घी के साथ मिलाकर खाने से त्वचा का रूखापन नष्ट हो जाता है तथा रंग में भी निखार आता है।

  • सर्दी के लिए एक विशेष लोशन तैयार करके रखें। नींबू, गुलाबजल का एक-एक भाग व दुगुना भाग में ग्लिसरीन मिलाकर एक साफ़ बोतल में भरकर रख लें। प्रतिदिन रात को लगाने से त्वचा नम बनी रहेगी।

  • हरीत, चंदन, मुखता, नाग्रमोथा, उशोर, लोघ्र आदि का लेप बनाकर शरीर पर लगाने से शरीर का रूखापन दूर हो जाता है। शुद्ध बादाम का रोगन और जैतून तेल 25-25 ग्राम हाई पैराफ़िन लेकर पिघलाएं और उसी समय इन तेलों के मिश्रणों को इसमें मिला दें। थोड़ा गर्म रहते इसमें बीस बूंद चंदन के तेल को मिलाकर चौड़े मुख वाला बर्तन या शीशी में भर कर रख दें। इस क्रीम का प्रयोग करने से शीतऋतु का कोई कुप्रभाव त्वचा, मुख या होंठ पर नहीं पड़ पाता।

 

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