-नीलम मेहरोत्रा

उदासी हमारे मन की ऐसी दशा है जिस में हमें हर तरफ़ अन्धेरा या नीरसता नज़र आती है। ज़िंदगी में कोई उमंग दिखाई नहीं देती और न ही किसी काम में कोई दिलचस्पी होती है। उदासी दूर करने के लिए ज़रूरी है कि हम अपने वर्तमान हालातों में फेर-बदल करें। परिवर्तन ज़िंदगी का नियम है। ज़िंदगी के ख़ास तरीक़े में चलते-चलते हम थक जाते हैं जिस कारण उदासी का आना आम बात है। वर्तमान स्थिति में फेर-बदल करने से नयापन आता है। कई बार सब कुछ होते हुए भी हमें उदासी घेर लेती है। कहने के लिए तो यह छोटी-सी बात है पर इसका प्रभाव घातक हो सकता है। परिवर्तन करने के कुछ आसान, सहज और उपयोगी सुझाव प्रयोग में लाने से समस्या दूर हो सकती है। रोज़ाना ज़िंदगी एक मशीन की तरह बन गई है। जिसमें हम कई तरह के तनावों से गुज़रते हैं। उदासी भी आज के मशीनी युग की देन है। उदासी को दूर करने के लिए सुझाव अग्रलिखित हैं।

  1. कमरे की वस्तुओं को यथा स्थान पर रखने की आदत डालें। सोफ़े, बिस्तर, मेज़पोश आदि के कवर बदल दें। इसके इलावा कमरे की सेटिंग बदल सकते हैं।

  2. समय-समय पर बैठक या सोने वाले कमरे के पैटर्न में परिवर्तन करें।

  3. शारीरिक कसरत या सैर आदि में ध्यान दें। इस से उदासी जल्दी दूर होती है।

  4. कार्यों में फेर-बदल करें। शारीरिक काम के बाद मानसिक काम या इससे उलट करके अन्तर देखें। थकावट कम होगी और काम में दिलचस्पी बढ़ेगी क्योंकि लगातार एक ही काम करने से उदासी बढ़ती है।

  5. ज़िंदगी में उदासी को दूर करने के लिए संगीत को अपनाओ। संगीत काफ़ी हद तक उदासी दूर कर सकता है।

  6. आपसी सम्बन्धों में मधुरता पैदा करने की कोशिश करें। अपने विचार दूसरों के साथ बांटने से हल्कापन महसूस होता है।

  7. अपने आप को कुदरत के समीप रखें। कुदरत हमें बहुत कुछ सिखाती है। बाग़वानी जैसा शौक़ उदासी को दूर करने के लिए बहुत अच्छा है।

  8. समय हो तो कभी-कभी बाहर पिकनिक या घूमने का प्रोग्राम भी बनाया जा सकता है।

  9. अपनी रूचि के अनुसार कोई रचनात्मक कार्य भी करें जैसे- कढ़ाई, बुनाई या पेंटिंग आदि।

  10. समाज सेवा भी ऐसा साधन है जिस से उदासी को दूर किया जा सकता है। इसलिए किसी संस्था के साथ सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।

  11. बच्चे बहुत आसानी के साथ उदासी को दूर करने में मदद करते हैं। हो सके तो कुछ समय बच्चों के साथ व्यतीत करने की कोशिश करें।

  12. मनपसंद पुस्तकें या मैगज़ीन पढ़ने की आदत भी अच्छी है।

  13. कभी-कभी किसी मित्र या रिश्तेदार को खाने पर या चाय पर बुलायें।

  14. नई पोशाक या ख़रीदारी भी उदासी को दूर करने में मदद कर सकती है। घर से बाहर किसी जगह जैसे पार्क, फ़िल्म, चिड़ियाघर या रेस्टोरेंट आदि में जाकर भी उदासी से छुटकारा पाया जा सकता है।

         कहने का भाव यह है कि उदासी हमें कमज़ोर और नीरस बनाती है। इसलिए ऊपर लिखे इन कुछ सुझावों को                     अपनाकर हम एक सेहतमंद ज़िंदगी जीने में सफल हो सकते हैं और खुशहाली प्राप्त कर सकते हैं।

 

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