-रीना चेची बेचैन

आप कुछ और लिखते हुए भले ही सजग हों या नहीं, लेकिन जब आप अपना नाम लिखते हैं तो थोड़ा सोच-समझ लेते हैं। आप कम से कम ये तो सोचते ही हैं कि जिस काग़ज़ पर आप अपना नाम लिख रहे हैं यानी हस्ताक्षर कर रहे हैं, वह क्या है? क्या आप महज़ ऑटोग्राफ दे रहे हैं या कहीं किसी दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर रहे हैं? कहीं आपसे कोई ऐसे वक्तव्य पर हस्ताक्षर तो नहीं ले रहा है, जो आपके विचारों से मेल नहीं खाता? ऐसे अवसरों पर आप सतर्क ही नहीं बल्कि ज़्यादा सतर्क हो जाते हैं।

वित्तीय संस्थान विशेषकर वह बैंक जिसमें आपका खाता हो, आपके हस्ताक्षरों पर ही निर्भर करता है। वह चाहता है कि जब भी आप खाते में से धन निकालें आपके हस्ताक्षर ठीक वैसे ही हों जैसे आपने बैंक में खाता खोलते समय नमूने के तौर पर किए थे। अगर आपके हस्ताक्षर उन हस्ताक्षरों से नहीं मिलते तो बैंक के लिए आपके चैॅक का भुगतान असम्भव हो जाता है। आशय यह है कि आपके लिखे अन्य शब्द उस समय के आपके मूड के अनुसार अपनी शक्ल, कद-काठी आदि में परिवर्तन कर सकते हैं, लेकिन आपके हस्ताक्षर हमेशा ही एक जैसे रहेंगे।

आपके हस्ताक्षर वस्तुतः आपकी चारित्रिक प्रवृत्तियों का एक लघुचित्र है। अधिकांश मामलों में जो लिखावट व्यक्त करती है वही हस्ताक्षर भी व्यक्त करते हैं, लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जहां किसी के हस्ताक्षर वैसे तरीक़े से बनाए गए होते हैं जैसा हस्ताक्षरकर्त्ता दूसरे लोगों की नज़रों में अपने आपको देखना चाहता है।

यह भी हो सकता है कि आप अपने हस्ताक्षरों के माध्यम से वैसा व्यक्तित्व झलकाएं जैसा आप बनाना चाहते हैं, लेकिन हस्ताक्षर करते समय वैसे व्यक्तित्व के आप आस-पास नहीं होते। आपके हस्ताक्षर आदर्श हो सकते हैं, लेकिन आप यह भी निश्चित ही मान लें कि आज नहीं तो कल आप अपने व्यक्तित्व को सचमुच वैसा ही रूप प्रदान कर सकते हैं जैसा आपके हस्ताक्षरों से झलकता है।

1.हस्ताक्षरोंं के नीचे लाइनः- इस प्रकार के हस्ताक्षर एक ऊर्जावान व्यक्तित्व का संकेत देते हैं, जो कि स्वस्थ आत्मगौरव की भावना भी रखता है।

2. पत्र के अनुपात में बड़े हस्ताक्षरः- इस प्रकार के हस्ताक्षर लिखित पत्र या वक्तव्य के अनुपात में काफ़ी बड़े होते हैं। पत्र चाहे लिखा हो या टंकित किया हुआ हो, हस्ताक्षरों और लिखावट में अनुपात यही रहता है। इस प्रकार के हस्ताक्षर करने वाला व्यक्ति दूसरों का नेतृत्व कर सकने में समर्थ व्यक्तित्व वाला होता है।

3. पत्र के अनुपात में बहुत छोटे हस्ताक्षरः- इस प्रकार के हस्ताक्षर संकेत देते हैं कि लिखने वाला आत्म केन्द्रित व्यक्ति है। ऐसा इन्सान लोगों से अधिक मिलना-जुलना पसन्द करता है और अपने बारे में चौकन्नी सोच रखता है।

4. हस्ताक्षरों के बाद बिंदी या छोटा डंडाः- इस प्रकार के हस्ताक्षर संकेत देते हैं कि व्यक्ति जिस काम को शुरू करता है उसे पूरा करके ही राहत की सांस लेता है।

5. प्रवाहमान हस्ताक्षरः- इस प्रकार के हस्ताक्षरों वाला व्यक्ति अपने विचारों से दूसरों को सहमत या क़ायल करने में सिद्धहस्त होता है ऐसा व्यक्ति अक्ल से ज़्यादा चतुर होता है। वह नेता, व्यापारी, सिद्धहस्त लेखक या बिक्री एजेंट आदि के रूप में बहुत सफल रहता है।

6. नाम के समस्त अक्षर स्पष्टः- इस प्रकार के हस्ताक्षरों वाला व्यक्ति आत्म-गौरव की उचित भावना से ओत-प्रोत होता है।

7. हस्ताक्षरों का झुकाव पीछे तथा अक्षरों का झुकाव आगे की ओरः- यह व्यक्ति दर्शाता है कि वह एकदम गम्भीर क़िस्म का भावना शून्य व्यक्ति है और मित्रता पसन्द नहीं करता लेकिन यह सिर्फ़ दिखावा होता है। वास्तव में वह व्यक्ति इसके बिल्कुल विपरीत व्यक्तित्व रखता है।

8. हस्ताक्षरों का झुकाव आगे की ओर जबकि अक्षरों का झुकाव पीछे की ओरः- ऐसा व्यक्ति बाहर से मिलनसार और भावुक दिखता है लेकिन अंदर से इसके विपरीत होता है।  

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