पंजाब सारे भारत के प्रान्तों में सर्वोपरि था। इसके बाग़-बग़ीचों में बहारें थी। फल और सब्ज़ियों का भण्डार था। पंजाब की मिट्टी उपजाऊ होने के कारण यह भारत का सरताज कहलाता था।
Read More »पंजाब जगत
औद्योगिक नगर अमृतसर एक दर्शनीय पवित्र स्थान
गोल्डन टेम्पल एक विशाल परिसर है जिसमें दर्शनी ड्योढ़ी, अमृत सरोवर, अकाल तख़्त, सेंट्रल सिख म्यूज़ियम स्थित है।
Read More »पंजाब की सांस्कृतिक विरासत
पंजाब के लोगों की क्रान्ति की वजह से ही .... भगत सिंह, सराभा, डोगरा, लाला लाजपत राय की देन से ही, आज़ादी का बीजारोपण हुआ है।
Read More »स्वतन्त्रता संग्राम में पंजाब का साहित्य एवं साहित्यकार
किसी भी जाति की उन्नति के लिए उच्च कोटि के साहित्य की ज़रूरत होती है। ज्यों-ज्यों साहित्य ऊंचा उठता है, त्यों-त्यों देश की तरक्क़ी होती है-भगत सिंह पंजाब की ज़रखेज भूमि ने जहां गुरू गोबिन्द जैसे तलवार के धनी शूरवीरों को जन्म दिया, वहीं उस ने महान चिन्तकों, विचारकों, सिद्धान्तकारों कलाकारों, साहित्यकारों की जननी होने का गौरव भी प्राप्त किया ...
Read More »दसूहा बनाम विराट नगरी
-धर्मपाल साहिल (प्रिंसीपल) एक तरफ़ शिवालिक की रमणीक पहाड़ियां और दूसरी ओर कल कल बहता ब्यास दरिया। बीचों-बीच विभाजन रेखा सी खींचता जाता जालन्धर-पठानकोट राष्ट्रीय मार्ग। जालन्धर से 62 किलोमीटर की दूरी पर जी. टी. रोड के दोनों तरफ़ बसी पंजाब के जिला होशियारपुर की तहसील दसूहा। यहां से केवल 59 कि. मी. के फासले पर बसा है प्रसिद्ध ...
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