शबनम शर्मा सानिध्य एहसास स्वपन पोटली गांव मुझे पहचानता नहीं ज़िन्दगी की सांझ में अहसास लड़की जब सोलह साल की हुई पैबंद रास्ता सिलसिला अंधेरे में तैरते शब्द वो पल काग़ज़ मैं क्या हूं अंधेरा मायका ज़ख़्म दान दीवाली वो खेल का मैदान आमदनी पढ़ाई कन्या भ्रूण हत्या बच्चों में शून्य होती संवेदनायें मौसम 26 जनवरी साेच स्नेह ऊंचाइयां मेरे शब्द ससुराल वह युवक बेटी चौराहा वो नन्हीं तस्वीर इस ज़िंदगी में दास्ताने इश्क लड़की सोच अपने अपने दुःख जाने से पहले 2019-02-19 admin