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आवश्यक है सर्दियों में नवजात शिशु की देखभाल

शिशु को ठंड से बचाने का सबसे अनमोल व सरल उपाय है कि उसे खूब हंसाए या रोते हुए को कुछ देर तक चुप न कराएं। इन सब उपायों का प्रयोग करके आप अपने बच्चे को ठंड से बचा सकती हैं व भय मुक्त हो सकती हैं।

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   मज़दूरी करने को मजबूर मासूम

सिर्फ़ क़ाग़जों तक ही सीमित है बाल मज़दूरी ख़त्म करने का प्रयास। बाल म़जदूरी ख़त्म करने का सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। सरकारी विज्ञापनों द्वारा बाल म़जदूरी को रोकने व बच्चों को उच्च शिक्षा देने की बात बार-बार दोहराई जाती है।

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शीत ऋतु में त्वचा की देखभाल

शीत ऋतु सेहत बनाने और सौंदर्य निखारने के लिए उत्तम ऋतु है आवश्यकता है बस कुछ देखभाल की। इस ऋतु में ठंडी खुश्क हवाएं चलती हैं जो त्वचा को कुछ रूखा बना देती हैं। थोड़ी-सी समझदारी से आप अपनी त्वचा को खुश्क होने से बचा सकती हैं।

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ठंड के महीने में कोमल, नाज़ुक होंठ

पेट्रोलियम जैली या वैसलीन लगाने से रूखे और फटे हुए होंठ कोमल हो जाते हैं। इसके रोज़ इस्तेमाल से होंठों के फटने की संभावना नहीं के बराबर रहती है।नव-नवेली दुलहनों को चाहिए कि वे पेट्रोलियम जैली या वैसलीन का इस्तेमाल ठंड के महीने में ज़रूर करें।

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एक नायाब तोहफ़ा पशमीना शॉल

यूं भारत में बहुत से क़िस्मों के शॉलों का उत्पादन किया जाता है। यह आमतौर पर ऊन के बने होते हैं परन्तु ये सूती, रेशमी और रेयन आदि के बने भी हो सकते हैं। इन सभी तरह के शॉलों में से सबसे ज़्यादा पशमीना शॉलों को पसंद किया जाता है।

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बच्चों को अनुशासित करें

कुछ माता-पिता को इस बात की अधिक चिन्ता रहती है कि लोग उनके बच्चों के बारे में क्या सोचते हैं तथा वे ज़रूरत से अधिक चिन्तित होते हैं।बच्चे इस बात से शशोपंज में पड़ जाते हैं कि कभी जिस काम से मां-बाप उनको रोकते हैं कभी क्यों नहीं रोकते हैं।

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चिकित्सा चौखट पर दस्त

नींबू की नमक युक्त शिकंजवी का दस्त की अवस्था में जम कर प्रयोग करना चाहिए। इससे पानी व खनिज लवण की कमी नहीं आती और शरीर  निढाल नहीं होता।''

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आप कौन होते हैं?

अभिनव ने अपनी थर्मस में से कुछ जल थर्मस के ही गोलाकार ढक्कन में उड़ेल कर उस छोटे बच्चे के माता-पिता से निवेदन किया सुनिए आप अपने बच्चे को पानी पिला दें। पानी जूठा नहीं है। अगला स्टेशन अभी थोड़ी दूरी पर है। 'जी शुकिया।'

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इम्तिहान कैसे-कैसे

इतिहास का स्वर्णकाल उन्नीस सौ पचहत्तर का दशक था जब 'शोले' फ़िल्म हिट हुई थी। हम उनके इस आश्चर्यजनक शोध का लोहा मान गए। हमें बस एक ही दुःख था कि शायद परीक्षक इस खोज से सहमत न हो।

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सिसकता हथियार- बेलन

लेकिन दुर्भाग्य! बेलन आज सिसकता नज़र आ रहा है और हसबैण्डों का समाज ठहाके लगाता हुआ साफ़ नज़र आता है। यह स्थिति पत्नियों के लिए शर्मनाक है,

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