‘पापा, ये चाइल्ड लेबर क्या होती है? आठ साल के अंकुर ने पापा से पूूछा।’ ‘बेटा, जब तुम्हारे जैसे छोटे-छोटे कोमल बच्चे कहीं काम करते हैं तो उन्हीं को ‘चाइल्ड लेबर’ कहा जाता है।’
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स्मृतियांं
हर पल बिन बुलाए मेहमान की भांति दिल में चुपके-चुपके से घर कर जाती हैं अक्सर तुुम्हारी स्मृतियां।
Read More »बालों का दुश्मन है डैंड्रफ
डैंड्रफ बालों की समस्याओं में एक प्रमुख समस्या है, चाहे औरत हो या मर्द। ख़ासकर महिलाओं के लम्बे बाल होने के कारण वे इससे ग्रसित रहती हैं। इसके होने से बालों में खुजलाहट होना प्रमुख लक्षण हैं। यह देखने व सुनने में तो साधारण सा नाम लगताा है परन्तु सौंदर्य में अमावस की काली रात जैसा ही काम करता है।
Read More »पति महोदय जी यूं परेशान मत होइए, आप इन्हें आजमाईए
कुछ ही दिनों में आप देखेंगे कि आपकी पत्नी खुद ही परेशान हो जाएगी और आपको हाथ जोड़ कर कहेगी, “स्वामी जी आप कहीं घूम आया करें,
Read More »क्योंकि
जब शब्द ज़ुबान नहीं बनते तो आंसू बोलते हैं। मगर उनकी भाषा संवेदनाशुन्य मानव नहीं समझ पाता,
Read More »जीवन की कहानी बूंद-बूंद पानी
प्रकृति की रचना कितनी अजीब है कि हमारी धरती तीन ओर से पानी में घिरी है मगर फिर भी प्यासी की प्यासी है। मनुष्य, जीव-जन्तुओं और वनस्पति को जीवित रहने के लिए पानी की अति आवश्यकता है। जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में पानी की अहम भूमिका है।
Read More »ख़तरनाक साबित हो सकता है शर्मीलापन
-आकाश पाठक हमारी संस्कृति में शर्मीलापन विरासत में मिलता है यह कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। युवतियों में प्रायः शर्मीलापन अधिक होता है और इस क़दर समाया होता है कि यह उनकी ज़ंजीर बन जाती है। यह सही है कि शर्म नारी का गहना माना जाता है मगर यह भी उतना ही सही है कि आभूषण हर समय नहीं ...
Read More »बच्चे पढ़ने में क्यों पीछे रहते हैं?
-तेजप्रीत कंग 3-6 वर्ष की आयु में बच्चे में कई परिवर्तन आते हैं और वे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप में विकसित होते हैं। प्रत्येक बच्चे में यह परिवर्तन अलग-अलग रफ़्तार से आते हैं- किसी में जल्दी तथा किसी में थोड़ी देर से। इसलिये यह जानना अतिआवश्यक है कि किस आयु के बच्चे स्कूल जाने के लिए तैयार हैं और ...
Read More »हिजड़ों की ज़िंदगी क्या हम हक़ीक़त से वाकिफ़ हैं?
-मीनू संदल विभिन्न ट्रेनों में, बस अड्डों पर और आपके घर में भी जब किसी शिशु का जन्म होता है, तालियां बजाते कुछ लोग आपके पास आते हैं, नाचते हैं, गाते हैं और इसके एवज़ में ढेर सारी शुभकामनाएं देकर पैसों की मांग करते हैं। आपने कम पैसे दिए नहीं कि इनका ‘रिकॉर्ड’ चालू हुआ। अश्लील हरकत और गंदी गालियां ...
Read More »धत तेरे की
-धर्मपाल साहिल आज वह ऑफ़िस में रीना का सामना कैसे कर पाएगा। इस बात को लेकर वह सुबह से ही परेशान था। रात भी वह ठीक ढंग से सो नहीं पाया था। आधी रात को एक बार आंख खुली तो बस फिर नींद आंखों के पास न फटकी। करवटें बदलते सूरज चढ़ आया था। रोज़ाना की भांति ‘मॉर्निंग वाक’ के ...
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