Author Archives: admin

सुगंध

-डॉ राज बुद्धिराजा वह एक अनोखा विवाह था। हमारे जैसे दस-बीस लोगों को छोड़ कर सभी बाराती-धराती मूक-बधिर थे। टेंट वालों, बिजली वालों, कैमरा-वीडियो वालों और खाना बनाने वालों से लेकर-परोसने वालों तक। युकलिप्टस से घिरे जगमगाते मैदान की शांति को शहनाईवादन और हमारी अनुशासित हंसी भंग कर रही थी। सभी अपनी उंगलियों, हथेलियों, नेत्रों, होंठों की संकेती भाषा से ...

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नई उड़ान

मेरे मन रूपी अंधेरे से एक चीत्कार-सी उठ रही है कि मैं कहां हूं? क्यों हूं? बस हर बार यह टीस हृदय को अत्यधिक उद्वेलित कर देती है। सोचते-सोचते ही मैं लेट गई और अपनी आंखों को बंद करके स्वप्नों में विचरण करने लगी थी कि मुझे मेरा ही नाम सुनाई दिया। “मोहिनी” “मोहिनी” आंखें खोलकर देखा तो पन्नाबाई मुंह ...

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भूख

                                                           -डॉ.रामनिवास ‘मानव’ वह आदमी है या जीवित पहेली, कहना मुश्किल है औरों की तो बात छोड़िये, पूरे पांच साल सिर खपाने के बाद, पत्‍नी भी उसके स्वभाव को समझ नहीं पाई। ...

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पत्‍नी का भविष्‍य

-डॉ. रामनिवास ‘मानव’ पति ने नववर्ष पर ‘हिन्दुस्तान’ में अपना वार्षिक भविष्य-फल देखने के बाद पत्‍नी से पूछा – ‘‘तुम्हारी राशि क्या है ?” “तुला, क्यों ?” “तुम्हारा वार्षिक भविष्य देखना है।” “मुझे बिना देखे ही पता है।” “कैसे ?” “इस में कैसे की क्या बात है! शादी के बाद पिछले दस वर्ष जैसे बीते हैं, वैसे ही बीतेगा यह ...

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फ़िल्म इंडस्ट्री की परिवर्तित रूपरेखा

बदलते समय के साथ फ़िल्म इंडस्ट्री में भी परिवर्तन आने लाज़िम हैं। धीरे-धीरे लोगों की सोच बदलने के कारण उनका नज़रिया भी काफ़ी हद तक बदल गया। पर फिर भी 1950-60-70 की पुरानी फ़िल्मों की छवि जो लोगों के दिल पर बन गई थी उसे समय भी धो नहीं पाया। 1950-60-70 में ऐसी फ़िल्में बनीं जिन्होंने अपना एक अलग ही ...

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यह दुनिया एक सर्कस है

-प्रो. शामलाल कौशल अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक शेक्सपीयर ने अपने एक नाटक ‘As you like it’ में यह कहा है कि यह दुनिया एक रंगमंच है जहां सभी लोग बचपन से मृत्यु तक अपना अपना रोल प्ले करके चले जाते हैं। लेकिन प्रसिद्ध अभिनेता राजकपूर ने अपनी एक फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में एक गाने में कहा है कि “यह ...

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