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महत्वाकांक्षा का पलड़ा ममता पर भारी क्यूं?

 -विजय रानी बंसल प्राचीन काल में महिलाएं केवल घर की चारदीवारी तक ही सीमित थी। घर-गृहस्थी सँभालना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य था। परन्तु वक़्त के साथ-साथ विचारधाराएँ बदलीं, मान्यताएं बदलीं। महिलाएं घर की चारदीवारी से निकल कर बाहर की दुनियां में आयीं और उन्हें मिला शिक्षा, आज़ादी और कुछ कर दिखाने वाली सम्भावनाओं का विस्तृत आकाश। इसमें सबसे ...

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त्याग

-विनोद ध्रब्याल ‘राही’ पूरा हॉल ठहाकों से गूंज रहा था। करीब दो महीने बाद वर्मा और खन्ना परिवार इक्ट्ठे हुए थे। “मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि हम दोनों समधि बन जाएंगे। राजीव और काजल की सगाई ने हमारी बचपन की दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दिया।” राजीव के पिता खन्ना जी बोले। “सच कह रहा हूँ, मुझसे ...

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स्पा

बड़े शहरों में एक थैरेपी बहुत प्रचलित हो रही है वह है स्पा थैरेपी। यह शरीर को खूबसूरती देने और आत्मिक शान्ति देने से बढ़कर बहुत कुछ .ज्यादा है।

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महिलाओं का प्रवेश वर्जित है

‘माते! हूं तो उल्लू, पर मेरी बात मानो और पांच सात सौ दे इनसे पीछा छुड़वा लो । यमराज से बचा जा सकता है पर इनसे नहीं । ड्यूटी टाइम में तो ये अपने बापू को भी नहीं बख्शते,

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